राजस्थान में कांग्रेस सरकार के काले कारनामों की लाल डायरी
अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने लाल डायरी के मुद्दे पर आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ पर भी बड़ा हमला बोला और कहा की एक सामान्य कर्मचारी नेता की पृष्ठभूमि से निकलकर इतने कम समय में राठौड़ ने इतनी संपत्ति कैसे बनाई। इसका राज भी उस लाल डायरी में छिपा हुआ है जिसको लेकर कुछ दिनों पहले तक उनके अपने रहे राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा में कांग्रेस के विधायको ने घेरकर मारपीट की।
देवनानी ने कहा की गुढ़ा ने राठौड़ का नाम लेकर कहा कि ईडी और आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान उनकी बिल्डिंग से सीएम के कहने पर गुढ़ा ही वो लाल डायरी गायब करके ले आए थे। ऐसे में धर्मेंद्र राठौड़ को सबके सामने आकर इस लाल डायरी का सच बताना चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
देवनानी ने कहा की इसी लाल डायरी में 500 करोड़ रुपए का घोटाला है जिसका सहारा लेकर सीएम के खास धर्मेंद्र राठौड़ ने सरकार के संकट के समय बाड़ेबंदी के दौरान विधायकों की खरीद फरोख्त, राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों को आर्थिक प्रलोभन और विरोधियों की जुबान बंद रखने के लिए ब्लैकमनी का इस्तेमाल किया था जिसका लेखा जोखा उस लाल डायरी में छिपा हुआ है।
देवनानी ने कहा की इन्ही सब मुद्दों को लेकर भाजपा एक अगस्त को कांग्रेस सरकार के खिलाफ जयपुर में सचिवालय का महाघेराव करेगी। जिसमें भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, बेरोजगार युवाओं के साथ पेपर लीक के जरिए ठगी, किसानों से किए झूठे वादे, महिला सुरक्षा, किसानों से कर्ज माफी का वादा, दलित आदिवासियों का अपमान, तुष्टीकरण आदि मुख्य मुद्दे होंगे। प्रेस वार्ता के दौरान देवनानी ने प्रतीकात्मक लाल डायरी को लहराया और कहा कि अजमेर जिले में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
उन्होंने कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी और एलिवेटेड रोड में हुए भ्रष्टाचार का पर्दा भी खुल सकता है। एलिवेटेड रोड को भ्रष्टाचार का एक्सप्रेस बना कर रख दिया गया। प्रोजेक्ट 220 करोड का था उसे 300 करोड़ के पार ले जाया गया। देवनानी ने बताया कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर उन्होंने केंद्रीय शायरी आवासन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को इन कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार की गत वर्ष शिकायत की थी और इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था।
देवनानी ने कहा की एलिवेटेड रोड में वित्तीय गड़बड़ी को लेकर गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट सबके सामने है। कमेटी ने माना है कि करोड़ों रुपयों का अवैध भुगतान ठेकेदार को किया गया। जांच कमेटी ने यह भी माना है कि जो काम हुए नहीं उसका भी अवैध तरीके से भुगतान किया गया। एलिवेटेड रोड के नीचे जो सड़क अब तक नहीं बनी ठेकेदार को 1 साल पहले ही 06.15 करोड़ की राशि का अवैध रूप से भुगतान किया गया।
देवनानी ने पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें अब भी बड़े मगरमच्छ को बचाते हुए। सिर्फ प्रोजेक्ट डायरेक्टर को चार्जशीट शीट देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। स्मार्ट सिटी के सीईओ को भी जांच के दायरे में लाया जाना चाहिए। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हो और जो गलत भुगतान हुआ उसकी वसूली अधिकारियों के वेतन से की जाए।