
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अजमेर। संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने में कांग्रेस की भूमिका के विरोध में अजमेर की भाजपा ने राज्यसभा सांसद भूपेन्द्र यादव के नेतृत्व में गुरुवार को बजरंगगढ के समीप स्थित विजय स्मारक पर एक दिवसीय उपवास रखा।
इस अवसर पर उपस्थित भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यादव ने कांग्रेस को आडे हाथो लेते हुए कहा कि देश की संसद में जब कोई बात रखी जाती है तो उस बात को गभीरता से सुना जाना चाहिए। लेकिन जिस तरह हंगामा किया गया वह शर्मनाक था।
70 साल तक इस देश में कांग्रेस का राज रहा और विपक्ष में जब श्यामाप्रसाद मुखर्जी, राम मनोहर लोहिया, लाल कृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, लेफ्ट नेता सोमनाथ चटर्जी रहे लेकिन कभी संसद में ऐसे हालात नहीं देखे गए।
देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलना शुरू हुए तो 40 मिनट तक कांग्रेस के लोग लगातार नारे लगाते हुए उनको रोकने का प्रयास करते रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ जनता कि ताकत है, मोदी को देश ने चुना है, इसलिए वे विपक्ष के विरोध के बावजूद सवा घंटे तक बोले।
बात यहीं खत्म नहीं हुई संसद का जब दूसरा स़त्र आया तो कांग्रेस कोई अविश्वास प्रस्ताव लेकर नहीं आई थी। 14 मार्च को संसद सत्र शुरू हुआ लकिन 27 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। यानी कांग्रेस की नीयत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने की नहीं बल्कि इस देश में भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने की थी।
यादव ने कहा कि कांग्रेस के नेता राजीव गांधी खुद इस बात से पीडित थे कि प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के दौरान जब वे एक रुपया भेजते हैं तो जनता तक पहुंचते पहुंचते 85 पैसा बीच में ही रुक जाता है। यूपीए सरकार में भी इस बात की रिपोर्ट आई कि मनरेगा का पैसा श्रमिकों तक पूरा नहीं पहुंचता है। हमारी सरकार आधार लेकर आई तो मजदूर का पैसा सीधे उसके अकाउंट में पहुंचा। लेकिन उसका विरोध करने का काम कांग्रेस ने किया।
कांग्रेस संसद के दोनों सदनों में जो हंगामा चला उससे लगातार सारे काम बर्बाद हुए। हम प्रिवेशन आॅफ करेप्शन विधेयक लाने वाले थे, उस बिल को रोकने का काम कांग्रेस ने संसद को ठप करके किया। देश में आजादी के बाद पिछडे समाज की कोई सुनने वाला नहीं था उनके लिए संवैधानिक स्तर पर कानून बनाने का विधयक हम लाने वाले थे, वह कानून नहीं आ पाया क्योंकि कांग्रेस ने संसद नहीं चलने दी। मोदी सरकार की योजनाओं की जानकारी आम जनता तक न पहुंचे इसलिए कांग्रेस हंगामा करती रहती है।
एक तरफ मोदी हैं, जब वे जीते, सरकार बनी तो संसद में पहली बार प्रवेश करते हुए उन्होंने संसद की चौखट पर झुकर नमन किया। क्योंकि 125 करोड जनता की आवाज, उनकी ताकत यह संसद है। हिन्दुस्तान की संसद का सम्मान करना इस देश के हर नागरिक का कर्तव्य है।
फास्ट और ब्रेकफास्ट
यादव ने कहा कि हमारा उपवास कांग्रेस के झूठे फास्ट की तरह नहीं है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि हाल ही में कांग्रेस ने उपवास किया था, उपहास का जो उपहास बना वह देश की जनता ने देखा है। मैंने एक कांग्रेसी मित्र से पूछ लिया कि सब कुछ कैसे गडबडझाला हो गया भाई, तो वह कांग्रेसी मित्र बोले भूपेन्द्रजी हम फास्ट को ब्रेकफास्ट समझ बैठक थे। बस यही चूक हो गई।
निशाने पर राहुल गांधी
यादव ने कहा कि देख लिजिए देश में कांग्रेस की स्थिति कैसी है, तीन पीढियों ने देश में राज किया, लेकिन जब राहुल गांधी से एक छात्र ने सवाल किया तो राहुल बगले झांकने लगे। कांग्रेस के मुखिया को ही नहीं पता एनसीसी क्या होती है। हम इस देश को ऐसे नादान हाथों में नहीं सौंप सकते।
बात इतने पर ही नहीं थम रही है, जहां भी देश तोडने के नारे लगे चाहे वह जेएनयू हो या कोई और जगह, राहुल गांधी उन्हें समर्थन देने वहां पहुंचे। इससे समझा जा सकता है कि कांग्रेस क्या चाहती है। कांग्रेस सिर्फ सत्ता की भूखी है, उसे देश की तरक्की और देश की जनता की कोई चिंता नहीं रही।
कांग्रेस में हारने पर तरक्की
यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस में तो उसके नेताओं को हारने पर तरक्की मिलती है, हार के बाद कांग्रेस में प्रमोशन की परंपरा चल पडी है। उत्तरप्रदेश में कांग्रेस चुनाव हारी तो राहुल गांधी उपाध्यक्ष बन गए। गुजरात में हारी तो पार्टी के अध्यक्ष बना दिए गए। रघु शर्मा अजमेर में सांसद का चुनाव भले ही जीत गए लेकिन कभी अध्यक्ष भी नहीं बनेंगे लेकिन गुजरात में चुनावी हार के बाद अशोक गहलोत का प्रमोशन हो गया। कांग्रेस हारने वाली पार्टी है। हारने की निराशा और हताशा संसद में बांधा डालकर, संसद को नहीं चलने देकर निकालना चाहते हैं।