राजकोट। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृह जिले राजकोट की जिला पंचायत में बगावत झेल रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को शुक्रवार को एक बड़ा झटका लगा जब इसकी आमसभा के दौरान विपक्षी भाजपा के सदस्यों के समर्थन से पार्टी के बागी खेमे ने आज चुनी गई सभी छह समितियों पर कब्जा जमा लिया।
36 सदस्यों वाले इस स्थानीय निकाय में कांग्रेस के 34 सदस्य जीते थे और भाजपा को मात्र दो सीटें ही हासिल हुई थी। चार दिन पहले कांग्रेस के 21 सदस्य अचानक संपर्कविहिन हो गए और भाजपा ने दावा किया कि वे उनके साथ हैं।
आज आमसभा की बैठक से पहले पूर्व अध्यक्ष नीलेश वीराणी समेत ये 21 सदस्य भाजपा के दो सदस्यों के साथ सदन में पहुंचे और उनके साथ ही मतदान कर कार्यकारी, शिक्षा, निर्माण, स्वास्थ्य समेत छह समितियों पर कब्जा जमा लिया।
कांग्रेस के अर्जुन खाटरिया की पत्नी अल्पाबेन निवर्तमान अध्यक्ष हैं पर उनके खेमे को मात्र 13 मत मिले। बागी सदस्यों मे से एक वालीबेन तलावाडिया का मत निरस्त हो गया। भाजपा समर्थित बागी खेमे को 22 मत मिले।
भाजपा पहली बाजी जीतने के बावजूद आज सत्तारूढ़ अध्यक्ष के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस नहीं दिला पायी क्योंकि नोटिस देने के लिए तो मात्र 18 सदस्यों की जरूरत है और यह संख्या बागी खेमे के पास है पर इसे पारित कराने के लिए 24 सदस्य चाहिए और भाजपा के पास फिलहाल यह संख्या नहीं है।
राजकोट भाजपा के महामंत्री भानुभाई मेहता ने दावा किया कि दो से तीन दिन में अविश्वास का नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसे पारित कराने के लिए जरूरी संख्या बल भी जुटा लिया जाएगा। कांग्रेस के अंतर्कलह के कारण यह आसानी से हो जाएगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि सभी बागी आन वाले समय में भाजपा में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बाकी तीन समितियों की भी अवधि पूर्ण होने पर ये भी कांग्रेस के हाथ से चली जाएगी।
उधर, गहमागहमी और कड़ी सुरक्षा के बीच जिला पंचायत में आज हुई आमसभा की बैठक से पहले भाजपा के एक स्थानीय कार्यकर्ता रमेशभाई ताला की सदन के बाहर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।