सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा के आला नेताओं को सार्वजनिक स्थल पर उनकी ही सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारियों से बदतमीजी भरे अंदाज में बात करना शायद शगल हो गया है। तीन महीने पहले 30 अगस्त को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सिरोही में अपनी सभा के दौरान सिरोही एसपी को अरे ओ एसपी साहब से संबोधित किया। वहीं मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी जनता के बीच अपना दबदबा दिखाने के लिए एक पुलिस कांस्टेबल को ओए-ओए करके संबोधित करते नजर आए।
अमित शाह ने पुलिस कर्मचारी को ओये-ओये करके पुकारा
वैसे मंच पर इससे पहले शाह में शहीद भंवरसिंह की माता का सम्मान करते हुए अपनी पार्टी को शहीदों के सम्मान वार्ली पार्टी के रूप में प्रदर्शित करवाया था, लेकिन अगले ही पल उनकी ही सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी के प्रति उनके संबोधन ने उनके इस मिथक को तुड़वा दिया। उनके इस व्यवहार ने जनता से तो तालियां बजवा ली, लेकिन वर्दी में अपना कर्तव्य निभाने आए पुलिसकर्मियों का आत्मग्लानि से भरा।
-बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ तो महिलाओं के बीच बोल गए अभद्र शब्द
अमित शाह की सभा के दौरान आम परम्पराओं की तरह स्थानीय नेताओं को अपनी भड़ास मंच पर निकालने का अवसर दिया गया। इस दौरान भाजपा के बौद्धिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक और सिरोही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कमलेश दवे इस तरह बदजुबान हुए कि मंच में बैठी सैंकड़ों महिलाओ के सामने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से नहीं चूके।
वसुंधरा राजे ने SP को ओये-ओये करके पुकारा
भाजपा आम तौर स्वयं को संस्कारी पार्टी के रूप में प्रदर्शित करती है, लेकिन बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक की जुबान से माता-बहनों के बीच में इस तरह के अभद्र भाषा का इस्तेमाल पार्टी में गिरती भाषायी मर्यादा की ओर इंगित कर रहा है। इनके यह अभद्र शब्द जिस संदर्भ में थे उसमें इन पर राजनीतिक मंच पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी बन जाता है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
दवे द्वारा मंच से अभद्र भाषा बोलने के बाद तो जैसे पांडाल में हलचल हो गई। मीडिया कर्मी भाजपाइयों से इनका नाम और पद पूछने लगे तो भाजपाई भी पांडाल की कनातों की तरफ मुंह छिपाकर झेंपते हुए नजर आए।