सबगुरु न्यूज। भारतीय जनता पार्टी की नजर पिछले कई महीनों से मध्यप्रदेश और राजस्थान की सत्ता पर कब्जा करने को लेकर लगी हुई थी। एमपी में कांग्रेस से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बल पर कमलनाथ सरकार तीन महीने पहले गिरा दी थी। वहीं भाजपा अब एमपी की तर्ज पर ही राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को पलटना चाहती है। एमपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया वाला फार्मूला ही राजस्थान में लागू करना चाहती है । राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर भाजपा निगाहें लगाए हुई है। इसके लिए राजस्थान के भाजपा नेता के साथ केंद्रीय नेतृत्व और ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी सचिन पायलट को मनाने के लिए लगा रखा है। बता दें कि सिंधिया और पायलट की दोस्ती जगजाहिर है।
एक बार फिर सियासी घटनाक्रम में शुक्रवार रात से ही राजस्थान में भाजपा को सरकार गिराने की साजिश का भंडाफोड़ खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है। गहलोत ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त और अपनी सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाया है। गहलोत ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि चाहे सतीश पूनिया हों या राजेंद्र राठौर, वे केंद्रीय नेतृत्व के इशारों पर हमारी सरकार गिराने के लिए गेम कर रहे हैं। पिछले महीने जून में हुए राज्य सभा चुनाव के दौरान गहलोत ने भाजपा पर अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे। शुक्रवार रात राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिशों के आरोप में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने बीजेपी के दो नेताओं अशोक सिंह और भरत मालानी को गिरफ्तार किया है, दोनों पर एफआईआर दर्ज भी की गई है।
सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री से मुख्यमंत्री बनने का दे सकती है ऑफर भाजपा
भाजपा ने पिछले महीनों जब एमपी में कमलनाथ सरकार गिराई थी तब ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्य सभा सांसद का ऑफर दिया गया था। इसके अलावा उनके समर्थक विधायकों को भी मंत्रिमंडल में बराबरी का लालच दिया गया था। इसके बाद सिंधिया भाजपा के मिशन के लिए तैयार हो गए थे। (इसी को लेकर सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मंत्रिमंडल में अपनी बराबरी का हिसाब मांग रहे हैं, दोनों के मनमुटाव की वजह से ही अभी तक मध्यप्रदेश में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है) आप बात करते हैं राजस्थान की। भाजपा के लिए यहां सचिन पायलट के साथ थोड़ा सौदा मुश्किल भरा हो सकता है। क्योंकि पायलट मौजूदा समय में खुद ही उपमुख्यमंत्री हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा सचिन को मुख्यमंत्री के लिए ऑफर पेश करेगी?
अगर सचिन पायलट यह ऑफर स्वीकार करते हैं तो इसमें भाजपा के लिए फायदा ही रहेगा। इसके बदले में भारतीय जनता पार्टी अपना उपमुख्यमंत्री भी पेश कर सकती है। ऐसा होने की सूरत में भाजपा के लिए राजस्थान की आधी सत्ता हाथ में आ जाएगी। भाजपा के इस साजिश को गहलोत भी जान रहे हैं, तभी उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ संकेत भी दिए हैं। सचिन पायलट की सीएम बनने के लिए साजिश और कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘कौन नहीं चाहता है मुख्यमंत्री बनना? हमारी तरफ से 5-7 कैंडिडेट मुख्यमंत्री बनने के लायक होंगे लेकिन सिर्फ एक ही सीएम बन सकता है। गहलोत का यह बयान बताता है कि उनका इशारा सीधे सचिन पायलट की ओर ही था। यही नहीं भाजपा की साजिश का खुलासा होने के बाद गहलोत ने कहा कि मुझे मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी और विधायकों को सरकार बचाने की कोशिश करनी पड़ रही है।
राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या को देखते हुए भाजपा के लिए आसान नहीं होगी राह
अगर हम मौजूदा समय में राजस्थान विधानसभा में सीटों की संख्या की बात करें तो कांग्रेस का पलड़ा भारी है। ऐसे में भाजपा को गहलोत की सरकार गिराने के लिए कोई ‘बड़ी डील’ ही करनी होगी। बता दें कि राजस्थान विधान सभा में 200 सीटें हैं। जिसमें से कांग्रेस के 107 विधायक हैं। 12 निर्दलीय उसका समर्थन कर रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल, माकपा और भारतीय ट्राईबल पार्टी के विधायक भी उसके साथ हैं। वहीं विपक्ष की बात जाए तो भारतीय जनता पार्टी के पास 72 विधायक हैं और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। राज्य में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए कम से कम 101 सीटों की जरूरत होगी।
भाजपा अगर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का ऑफर देती है तो कम से कम पायलट को अपने साथ 25 विधायक भी लाने होंगे। तभी भाजपा राज्य में कांग्रेस से सत्ता छीनने में कामयाब हो सकती है। राज्य में लगभग डेढ़ साल पहले हुए विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छीनी थी। यह कोई पहला मौका नहीं है जब अशोक गहलोत ने भाजपा पर अपनी सरकार गिराने के आरोप लगाए हों, इससे पहले भी कई बार वह भाजपा पर षड्यंत्र रचने का आरोप लगा चुके हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार