सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सुराज गौरव यात्रा से पहले सिरोही भाजपा के प्रमुख नेताओं ने उनके लिए उपहार की तैयारी कर ली है। इसके लिए वह जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं।अट्कले ये है कि रविवार रात से ही भाजपा के 11 जिला परिषद सदस्यों की बाड़बंदी कर दी गई है।
इसके पीछे जिन प्रमुख नेताओं का नाम सामने आ रहा है वह राज्य से बाहर रहकर अपने आपको इस खेल से दूर रखने की कोशिश में हैं। इस प्रकरण में सिरोही और प्रवास में रहने वाले पांच भाजपा नेताओं का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है।
Bjp जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ भाजपा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सिरोही प्रवास से पहले अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले भाजपा के जिला परिषद सदस्यों की लीडरशिप जो नेता कर रहे है, उनके प्रमुख सरपरस्त नेता सिरोही से बाहर चले गए हैं।
इसके अलावा सिरोही भाजपा के महिला समेत चार प्रमुख पुरुष नेताओं और प्रवासी की भी प्रमुख भूमिका बताई जा रही है। रविवार रात को भाजपा जिला परिषद सदस्य पुष्कर और भारमाराम के गायब होने के बाद इन अटकलों को और हवा मिल गई। इसके बाद इसे राजनीतिक हलकों में जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बाड़ाबंदी माना जाने लगा।
-सिर्फ 7 सदस्यों की जरूरत
जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक तिहाई सदस्यों की जरूरत होती है। ऐसे में जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए 21मे से सिर्फ 7 सदस्यों की जरूरत है। लेकिन, अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के लिए दो तिहाई मत चाहिए होंगे। जिला परिषद में भाजपा के 15 सदस्य हैं, इनमें से 11 बाड़ाबंदी में शामिल हैं।
जिला उप प्रमुख कानाराम चैधरी और जिला प्रमुख की दावेदार लक्ष्मी पुरोहित को फिलहाल इस बाड़ाबंदी से अलग बताया जा रहा है, अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद होने वाली वोटिंग में इनका भी मत महत्वपूर्ण रहेगा।
-कांग्रेस की भी पड़ेगी जरूरत
जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया कुछ ऐसी है कि जिला कलक्टर के समक्ष एक तिहाई सदस्य, सिरोही के मामले में 7 जिला परिषद सदस्य, यदि अविश्वास प्रस्ताव लाने का लिखकर देते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान करवाया जाएगा। इस अविश्वास प्रस्ताव को परित होने के लिए दो तिहाई सदस्यों की जरूरत होगी। 11 भाजपा सदस्यों के साथ शेष तीन सदस्यों को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 14 ही होती है।
अविश्वास प्रस्ताव को पारित करवाने के लिए 17 सदस्यों के मतों की जरूरत है। ऐसे में कांग्रेस के तीन सदस्यों की भी जरूरत है। इसमें भी एक झोल ये है कि यदि कानाराम चैधरी और लक्ष्मी पुरोहित भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट करती हैं तो वो विधानसभा चुनाव से पहले अपने परिवार से भाजपा के एमएलए पद के दावेदारों को पहले ही बाहर कर देते हैं। ऐसे में इस खेल के प्रमुख सूत्रधार नेता के लिए जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक तीर से तीन शिकार होंगे।
यदि अविश्वास प्रस्ताव पास होता है तो भी फिलहाल डोडुआ से भाजपा की जिला परिषद सदस्य के कार्यवाहक जिला प्रमुख बनने की संभावना ज्यादा है। ऐसे हुआ तो इस खेल के प्रमुख सूत्रधार के पांव पर भी कुल्हाड़ी पड़ जाएगी।
-सारी कवायद एमएलए के टिकिट के लिए
चुनाव से ठीक पहले जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मूल मकसद जिला प्रमुख का सिरोही विधानसभा क्षेत्र से एमएलए की प्रमुख दावेदारी होना है। ऐसे में इस अवश्विास प्रस्ताव के पीछे पांच प्रमुख नेताओं का नाम आ रहा है जो खुद भी सिरोही से ही दावेदारी करने के इच्छुक हैं।
वैसे जिला प्रमुख के खिलाफ भाजपा के जिला परिषद सदस्यों का लामबंद होने के पीछे खुद जिला प्रमुख का भी महत्वपूर्ण योगदान है। जिस तरह जिला प्रमुख सदन की बैठकों में भाजपा के युवा जिला परिषद सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों और समस्याओं को सुलझाने में विफल रही हैं, उससे उन्होंने इस गंदी राजनीति के अनभिज्ञ युवा जिला परिषद सदस्यों को भी अपने खिलाफ कर लिया था।