जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस पर जातिवाद, परिवारवाद एवं तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि विकास के एजेंडे पर भाजपा ने हर परिवार को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है।
युवां री बात अमित शाह के साथ कार्यक्रम में शाह ने युवाओं से कहा कि परिवारवाद के कारण युवाओं में योग्यता के बावजूद उन्हें कोई मंच नहीं मिला तथा सत्तर वर्ष में जितना विकास होना चाहिये उतना नहीं हुआ।
राजस्थान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं से सभी को लाभांवित करने का प्रयास किया गया है तथा कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसे कुछ नहीं मिला हो। उन्होंने कहा कि 80 लाख शौचालय बनाए गए, 50 लाख मोबाइल दिए गए तथा तीन लाख युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया। प्रति व्यक्ति आय भी बढ़कर 60 हजार से 73 हजार हो गई। भू जल स्तर भी ऊपर उठा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुलना में केन्द्र में मोदी सरकार ने राजस्थान को ढाई गुना ज्यादा एक लाख नौ हजार करोड़ से बढ़ाकर दो लाख 73 हजार करोड रूपए की सहायता दी है। बीस हजार करोड का मुद्रा ऋण दिया गया तथा 220 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री आवास योजना में दिए गए।
पांच साल में सत्ता परिवर्तन की परम्परा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र के साथ राज्य में भी भाजपा सरकार होने से डबल इंजन की तरह विकास को आगे बढा सकता है। लिहाजा युवाओं को भाजपा से जुड़कर चुनाव में विजय दिलानी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर गठबंधन के सहारे सत्ता हासिल करने के प्रयास पर तंज कसते हुये उन्होंने कहा कि टुकड़ों में बंटी पार्टियां वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को सत्ता दिलाएगी।
उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं का सम्मान नहीं करने के राहुल गांधी के आरोप पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव की मृत्यु पर कांग्रेस ने कोई सम्मान नहीं दिया तथा पार्टी के कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी को कार्यालय से बाहर फिकवा दिया। इसके विपरीत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की मौत पर ऊपर से नीचे तक भाजपा उनके सम्मान में जुटी हुई थी।
घुसपेठियों की चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि असम में तीन करोड़ की आबादी में 40 लाख घुसपैठियों को चिह्नित किया गया है। घुसपैठियों की समस्या कांग्रेस के शासन से शुरू हुई। हम एक एक घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे।
कश्मीर में आतंकवादियों के हमले की चर्चा करते हुए कहा कि उरी में जब 12 जवानों को जिन्दा जलाया गया तब उनकी हत्या का बदला लेने के लिए सीमा पार सर्जिकल स्ट्राईक से दुश्मन के ठिकाने नष्ट किए गए। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव हो पाया जब केन्द्र में मनमोहन (मौनी बाबा) की नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी की सरकार है।