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BJP Question to Rahul Gandhi why happy with things that hurt India - भारत को पीड़ा पहुंचाने वाली बातों से राहुल गांधी को इतनी खुशी क्यों होती है: भाजपा - Sabguru News
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भारत को पीड़ा पहुंचाने वाली बातों से राहुल गांधी को इतनी खुशी क्यों होती है: भाजपा

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भारत को पीड़ा पहुंचाने वाली बातों से राहुल गांधी को इतनी खुशी क्यों होती है: भाजपा
BJP Question to Rahul Gandhi why happy with things that hurt India
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BJP Question to Rahul Gandhi why happy with things that hurt India

नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी की भर्त्सना करते हुए गुरुवार को उनसे सवाल किया कि भारत को पीड़ा पहुंचाने वाली बातों से गांधी को इतनी खुशी क्यों होती है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वैश्विक आतंकवादी और क्रूर हत्यारे मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के प्रयास को चीन ने चौथी बार तकनीकी आपत्ति उठा कर बाधित किया है। इस प्रस्ताव को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया था और चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्य सहप्रायोजक बने। इस मामले में यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक कामयाबी है।

प्रसाद ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक प्रतिक्रिया देेकर कहा है कि पूरा देश चीन के इस रवैये से बहुत निराश है लेकिन एक राजनीतिक दल के नाते वह कहेंगे कि चीन के रवैये से भारत एवं भारतीय लोगों को बहुत आघात लगा है। इस बारे में विदेश नीति या रणनीतिक स्तर पर जो भी करना होगा, संबंधित लोग करेंगे लेकिन क्या मसूद अजहर जैसे नृशंस हत्यारे के मामले में कांग्रेस का स्वर दूसरा होगा?

उन्होंने कहा कि गांधी का ट्वीट हमने देखा है। जब भारत को पीड़ा होती है तो क्या गांधी को खुशी हाेती है। एक घोर आतंकवादी को लेकर चीन के रुख से वह इतना खुश क्यों हैं। राजनीति में अंतर होगा, विरोध होना भी चाहिए। क्या घोर आतंकवादी के खिलाफ कार्रवाई में चीन की पुरानी नीति के दोहराए जाने पर भी गांधी खुश हैं। आखिर गांधी को क्या हो गया है।

उन्होंने पूछा कि क्या गांधी को पता है कि आपका ट्वीट पाकिस्तान में हेडलाइन बन जाएगा। आजकल पाकिस्तानी मीडिया में ट्वीट और कमेंट देखकर क्या उन्हें खुशी होती है। प्रसाद ने गांधी से सवाल किया कि वर्ष 2009 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के शासनकाल में भी जब चीन ने यही तकनीकी आपत्ति उठायी थी, तब उस समय भी गांधी ने कोई ट्वीट किया था क्या? दूसरा सवाल यह कि गांधी के चीन से अच्छे संबंध हैं।

डोकलाम के मुद्दे के वक्त वह बिना भारत सरकार की अनुमति के चीन के दूतावास गए थे, उनकी बातचीत हुई थी। जब वह मान सरोवर यात्रा पर गए थे, तब चीन दूतावास के अधिकारी उन्हें विदाई देने को लालायित थे और चीन में कई मंत्रियों से भी उनकी बातचीत हुई थी। तो कम से कम इस आतंकवादी मसूद अजहर के मामले में गांधी चीन के साथ अपनी दोस्ती का लाभ भारत को दिला देते तो उन्हें खुशी होती।

उन्होंने कहा कि अगर गांधी अपने संबंधों का सदुपयोग कर आतंकवाद के खिलाफ कुछ करते तो हमें भी कोई आपत्ति नहीं होती पर गांधी को समझना चाहिए कि ट्वीटर से देश की विदेश नीति नहीं चलती। प्रसाद ने कहा कि चीन की बात निकली है तो गांधी को पता होना चाहिए कि उनकी विरासत के कारण ही चीन सुरक्षा परिषद का सदस्य है। उन्होंने 2004 में अंग्रेजी अखबार दि हिंदू में छपे एक लेख का हवाला देते हुए कहा कि गांधी को जानना चाहिए कि चीन को सुरक्षा परिषद की सदस्यता पं जवाहरलाल नेहरू के कारण मिली है।