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अशोक गहलोत की बयानबाजी पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का पलटवार - Sabguru News
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अशोक गहलोत की बयानबाजी पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का पलटवार

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अशोक गहलोत की बयानबाजी पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का पलटवार

जयपुर। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश में धर्म के आधार पर गरीब दिहाड़ी मजदूरों के साथ मारपीट के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं करना चिंताजनक बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह दूसरे प्रदेशों पर राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय अगर अपने प्रदेश में घट रही इस तरह की अमानवीय घटनाओं पर कार्रवाई एवं रोकथाम करेंगे तो प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम हो सकेगी।

डा पूनियां ने आज अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हालत उलट है प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। उन्होंने कहा कि झालावाड़ में कृष्णा वाल्मीकि, अलवर में हरीश जाटव, दौसा में शंभु पुजारी जैसे दर्जनों निर्दोंष लोगों के साथ हुई घटनाएं कांग्रेस शासित राजस्थान में कानून व्यवस्था की बदहाली का सबूत है, लेकिन गहलोत अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए दूसरे प्रदेश की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देकर अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने में लगे रहते हैं, हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासनकाल में ढाई वर्षों में राजस्थान में जंगलराज व्याप्त हो गया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में जो घटित हो रहा है उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा। गहलोत के शासन में राजस्थान ‘अपराधिस्थान’ बन गया है। क्या इन सब घटनाओं की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री अशोक गहलोत की नहीं है।

उन्होंने कहा कि गहलोत की प्राथमिकता अपनी कुर्सी बचाना है, महिलाओं, बहन-बेटियों की सुरक्षा करना नहीं है, एम्बुलेंस, अस्पताल में भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। जयपुर जिले में एक चार साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई, वहीं अलवर जिले में भी एक युवती का अपहरण कर गैंगरेप किया गया।

उन्होंने कहा कि गहलोत, उनके नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को दूसरे राज्यों में अपराध नजर आते हैं, लेकिन उन्हें राजस्थान में बहन-बेटियों व दलित-आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते हैं। वहीं राज्य के मेवात इलाके में बहुसंख्यक हिन्दू आबादी डर के माहौल में जी रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में अनूसूचित जाति की महिलाओं एवं बच्चियों के प्रति दुष्कर्म के मामलों में 5.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी, लूट के मामले 78 प्रतिशत बढ़े, दुष्कर्म के मामलों में 23.89 प्रतिशत बढ़ोतरी, चोरी के मामलों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी से स्पष्ट है कि प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है।