जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा कि कृषि विधेयकों के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए पार्टी प्रदेशभर में किसान चौपाल आयोजित करके किसानों को पांच लाख पत्रक बांटे जाएंगे।
डाॅ. पूनियां ने आज पार्टी के वर्चुअल संवाद में कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि विधेयक कृषि सुधार की दिशा में एक नये युग की शुरुआत है, जो देश के किसानों के हित में क्रांतिकारी साबित होंगे। इससे देश का अन्नदाता आर्थिक रूप से और सशक्त एवं समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार शुरुआत से ही किसानों के कल्याण के लिये कई ऐतिहासिक फैसले ले रही है, जिनमें पीएम सम्मान किसान निधि, मिट्टी परीक्षण, नीम कोटेड यूरिया, 60 वर्ष से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन सहित तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं से किसान को समृद्ध बनाने के कार्य किए जा रहे हैं।
पूनियां ने कहा कि 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों से मुक्त होकर स्वतंत्र होकर खेती करेगा, अपने मन मुताबिक कीमत तय कर कहीं भी फसल बेच सकेगा। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी देश के किसानों को आश्वस्त कर चुके हैं कि, किसानों को एमएसपी मूल्य मिलता रहा है, मिलता रहेगा, मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी, व्यापारी अपना व्यापार पहले की तरह ही कर सकेंगे और अब व्यापारी बाहर भी अपना व्यापार कर सकेंगे।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि खेत का मालिक और उपज का मालिक किसान है, जो खुद ही कीमत तय कर फसल को कहीं भी, कभी भी बेच सकता है, इससे गांवों में युवा एवं महिलाएं भी फसल खरीदने-बेचने को लेकर अपना व्यापार शुरू कर सकेंगे, जिससे देशभर में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नए विधेयक से अब किसान को बुआई से पहले ही फसल के मूल्य की गारंटी मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि लगातार किसानों की उन्नति के लिये कार्य कर रही मोदी सरकार ने हाल ही में रबी विपणन वर्ष 2021-22 के लिए एमएसपी में की भारी बढ़ोतरी की है, जिसमें गेहूं का समर्थन मूल्य 50 रूपए बढ़ाकर 1975 रूपए, जौ का 75 रुपए बढ़ाकर 1600 रुपए, चने का 225 रूपए बढ़ाकर 5100 रुपए, मसूर का 300 रुपए बढ़ाकर 5100 रुपए, सरसों का 225 रुपए बढ़ाकर 4650 रुपए, कुसुम का 112 रुपए बढ़ाकर 5327 रूपए कर दिया है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि कृषि विधेयक के बारे में कांग्रेस अराजकता फैला रही है, किसानों को गुमराह कर भ्रम फैला रही है, मोदी सरकार किसानों के हित में जो विधेयक लेकर आई है, इस बारे में कांग्रेस ने अपने 2019 के घोषणापत्र में कानून लाने का वादा किया था, जिसमें कहा था कि मंडी समिति के अधिनियम में संशोधन, ताकि कृषि उपज के निर्यात एवं अंतराज्यीय व्यापार पर लगे प्रतिबंध समाप्त हों, किसान बिना प्रतिबंध के अपनी उपज बेच सके, आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म करेंगे इत्यादि।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि हरियाणा में 2007 में हुड्डा सरकार ने संविदा खेती की शुरूआत की थी, पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 2017 के घोषणापत्र में ऐसा ही कानून लाने का वादा किया था, लेकिन अब कांग्रेस 2019 के खुद के घोषणापत्र को ही झूठा साबित कर रही है, इससे कांग्रेस का दोगला चेहरा सामने आया है।