जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है।
डॉ. पूनियां ने पत्र में लिखा कि देश में राजस्थान की प्रतिष्ठा एक शांतिपूर्ण प्रदेश की है, लेकिन गत दो वर्षों से प्रदेश में अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने राजस्थान को अपराधग्रस्त राज्यों में शुमार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि केवल एक प्राथमिक सूचना के आंकड़े ही नहीं, वास्तविक रूप से घटित अपराधों विशेषकर महिलाओं और उनमें भी दलित माताओं-बहनों के प्रति अपराधों ने प्रदेश को शर्मसार किया है, गत दो-तीन दिन की घटनाओं ने उद्वेलित किया है।
राज्य सरकार की नाक के नीचे भूख से बिलखती गर्भवती महिला के साथ एम्बुलेंस चालक दरिंदों ने गैंगरेप किया, यह राज्य में कानून व्यवस्था के प्रति भय समाप्त होने एवं सरकार के इकबाल खत्म होने जैसा है वहीं भीलवाड़ा जिले में सत्ताधारी दल के विधायक एवं पूर्व मंत्री द्वारा महिला तहसीलदार के साथ अमर्यादित व्यवहार कोरोनाकाल में काम कर रहे अधिकारियों में आक्रोश पैदा कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भरतपुर जिले की कल रात सांसद पर हमले की घटना ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है और पुलिस के ध्येय वाक्य ‘आमजन में विश्वास अपराधियों में भय’ को निर्मूल कर दिया है।
भरतपुर की दलित महिला सांसद पर बदमाशों के हमले ने राज्य में पुलिस एवं कानून व्यवस्था व जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा की पोल खोल कर रख दी है, यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिन्ताजनक है कि किस कदर अपराधी बेखौफ हैं कि आधी रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र वैर का औचक निरीक्षण करने जा रही सांसद पर जानलेवा हमला किया जाता है और अपराधी पुलिस की गिरफ्त से दूर हो जाते हैं।
डॉ. पूनियां ने गहलोत का पत्र के माध्यम से राज्य की बदहाल होती कानून व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री होने के साथ गत ढाई वर्षों से आप राज्य के गृहमंत्री भी हैं, इस नाते आपकी नैतिक जिम्मेदारी भी है कि प्रदेश में शांति कायम रहे और आमजन सुरक्षित हो, भयमुक्त हो, वरना कानून व्यवस्था को लेकर जनता का आक्रोश सड़कों पर कोरोना से ज्यादा उग्र रूप में फूटेगा। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि समय रहते राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, जिससे राजस्थान में शांति स्थापित हो सके।