जयपुर। महाराष्ट्र की राजनीति में आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है। एक ही विचारधारा वाली भाजपा और शिवसेना की 30 साल पुरानी दोस्ती में दरार पड़ चुकी है। अब शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से दोस्ती का हाथ मिलाया है। यह तीनों पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ रही हैं। शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस तीनों की अलग-अलग विचारधाराएं हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव शिवसेना ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था।
अगर शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ राज्य में सरकार बना लेती है तो सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शिवसेना को एनसीपी-कांग्रेस की दोस्ती कितनी रास आएगी और कितनी दूर तक ले जाएगी ? राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के शिवसेना को सरकार बनाने के लिए दिए गए आमंत्रण पर पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को आज शाम 7:30 बजे तक जवाब देना है। वैसे अभी एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के केंद्रीय आलाकमान की ओर से शिवसेना को समर्थन देने पर अभी फाइनल राय नहीं बनी है। कांग्रेस के राज्य में 44 विधायक हैं जो कि इस समय राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक रिसोर्ट में ठहराए गए हैं। कांग्रेस के 44 विधायकों में से 37 ने तो शिवसेना को सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन देने की बात कही है। बाकी सात विधायक दिल्ली में शुरू हो रही कांग्रेस की बैठक के बाद आदेश का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी ओर एनसीपी की बैठक भी शुरू होने जा रही है। कांग्रेस और एनसीपी की बैठकों के बाद ही यह तय हो सकेगा कि यह दोनों दल शिवसेना को समर्थन देते हैं कि नहीं ? हालांकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन लेने की बात कही है।
–17 दिन सीएम की कुर्सी को लेकर लड़ते रहे भाजपा-शिवसेना, टूटी पुरानी दोस्ती–
महाराष्ट्र में इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे देश की राजनीति में लंबे समय तक याद किए जाएंगे । 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा और शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने के लिए अपना जनादेश दिया था । राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली थी । दोनों को मिलाकर 161 का आंकड़ा हो गया था । यानी राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 सीटें चाहिए थी । फिर भी ये दोनों दल सरकार नहीं बना पाए । शिवसेना अपने 50-50 फार्मूले पर अड़ी रहीं । दूसरी ओर भाजपा को शिवसेना की यह शर्त मंजूर नहीं थी । महाराष्ट्र के राज्यपाल और राज्य की जनता सरकार के गठन को लेकर इंतजार करती रही । 24 अक्टूबर से 10 नवंबर तक यानी कि 17 दिन भाजपा और शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री के पद को लेकर जबरदस्त घमासान छिड़ा रहा । दोनों पार्टी आरोप-प्रत्यारोप लगाने में सभी सीमाएं पार कर गईं । उसके बाद दोनों में दरार पड़ गई । आखिरकार मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया । आखिरकार 17 दिनों तक मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बनने के बाद शिवसेना और बीजेपी के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं । उसके बाद राजपाल कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया है ।
–शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आज शाम तक राज्यपाल को देना होगा जवाब–
इससे पहले सरकार बनाने के लिए राज्यपाल ने बीजेपी को न्यौता दिया था । जिसके बाद पार्टी सरकार बनाने से पीछे हट गई थी । लेकिन अब जबकि शिवसेना एनसीपी-कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने को तैयार है तो शिवसेना को आज शाम 7.30 बजे तक राज्यपाल को जवाब देना होगा । 56 सदस्यों वाली शिवसेना एनसीपी की मदद से सरकार बनाने का दावा आज पेश कर सकती है । इसके लिए शिवसेना को एनसीपी की शर्तें माननी होंगी । वैकल्पिक फार्मूले के तहत शिवसेना को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटना होगा । शिवसेना भी एनडीए से अलग होने को तैयार है ।
–मोदी सरकार में शिवसेना कोटे के मंत्री अरविंद सावंत देंगे इस्तीफा—-
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्रिपद से अलग होने को लेकर ट्वीट किया है । जिसमें उन्होंने सरकार से अलग होने का एलान किया है । शिवसेना के केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने ट्वीट में कहा कि शिवसेना का पक्ष सच्चाई है । इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहें । इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं । शिवसेना के केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया गया था । शिवसेना और बीजेपी दोनों आश्वस्त थे । अब इस फॉर्मूले को नकारना शिवसेना के लिए गंभीर खतरा है । महाराष्ट्र में बीजेपी ने झूठ का माहौल बना रखा है । शिवसेना हमेशा सच्चाई के पक्ष में रही है ।
—ऐसे बन सकती है महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार—
शिवसेना के पास 56 विधायक हैं । महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटे हैं । किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 का जादुई आंकड़ा चाहिए । ऐसे में अगर 54 सीटों वाली शरद पवार की पार्टी एनसीपी का समर्थन शिवसेना को मिल जाता है तो आंकड़ा 110 पहुंच जाता है । उसके बाद शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए और 35 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी ।
— राज्य में कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों की यह संख्या–
महाराष्ट्र में अन्य पार्टियों और निर्दलियों के खाते में 27 सीटें गई हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 सीटें हैं । बहुमत के लिए शिवसेना गठबंधन को एनसीपी के अलावा 35 सीटें दरकार हैं । ऐसे में उसके पास कांग्रेस के समर्थन के अलावा कोई चारा नहीं है । अगर कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी साथ में आ जाती हैं तो ये गठबंधन बहुमत का जादुई आंकड़ा आसानी से पार कर रहा है । तीनों की सीटें 154 पर पहुंच जाती हैं ।
–महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरूपम ने खड़े किए सवाल—
महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस सरकार अब लगभग तय हो गई है । कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के साथ जाना है या नहीं इस पर फैसला लेने के लिए कोर कमेटी की बैठक बुलाई है । कांग्रेस मुंबई के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं । संजय निरूपम ने ने कहा है कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन सरकार बनाता है और कैसे सरकार बनती है। लेकिन महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता से अब इंकार नहीं किया जा सकता है। जल्द इलेक्शन के लिए तैयार रहें । चुनाव 2020 में हो सकते हैं। क्या हम गठबंधन के साथी के रूप में शिवसेना के साथ चुनाव में जा सकते हैं।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार