जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा सतीश पूनिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेरी बजाय राजस्थान के किसानों और नौजवानों की ज्यादा चिंता करेंगे तो बेहतर होगा।
डा पूनिया ने आज करेड़ा (भीलवाड़ा) में मुख्यमंत्री गहलोत के बयान का जवाब देते हुए कहा कि गहलोत क्योंकि पेशेवर नेता है और कुर्सी का मोह उन्हें ज्यादा है, लिहाजा वह कुर्सी बचाने की तिकड़म भी अच्छे तरीके से जानते हैं।
गहलोत मेरी फिक्र कम और राजस्थान के किसानों एवं नौजवानों की ज्यादा करेंगे तो बेहतर होगा, लेकिन वह आजकल राजस्थान की कम, कुर्सी बचाने की ज्यादा फिक्र करते हैं। कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली दरबार की हाजिरी तो जाहिर है ही साथ ही हाल में बीएसपी विधायकों से रात को होटल में गुपचुप डील इसका ताजातरीन उदाहरण है।
डा पूनियां ने कहा कि गहलोत साहब पर उम्र का असर हो रहा है। उन्हें नए नेतृत्व से परहेज है। लंबे राजनीतिक जीवन के बाद उनकी छवि जनता में खलनायक जैसी क्यों है, वह इस पर विचार करें। उनको राजस्थान में तीन बार मुख्यमंत्री का पद हासिल हुआ है। लेकिन राजस्थान आज भी पिछड़ा क्यों है। पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बार हताश और निराश हैं।
उन्हें बार-बार आलाकमान से डांट पड़ती है, बेटे को स्थापित नहीं कर पाए और उनको लगता है कि यह उनकी आखिरी पारी है। गहलोत साहब को अपने और अपने बेटे के भविष्य के बारे में चिंतित हैं साथ ही देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते कांग्रेस वापसी की संभावनाएं भी नजर नहीं आ रहीं।