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शांत राज्यों में शुमार राजस्थान बन गया अपराधों की राजधानी : सतीश पूनियां - Sabguru News
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शांत राज्यों में शुमार राजस्थान बन गया अपराधों की राजधानी : सतीश पूनियां

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शांत राज्यों में शुमार राजस्थान बन गया अपराधों की राजधानी : सतीश पूनियां

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डा़ सतीश पूनियां ने कहा है कि शांत राज्यों में शुमार राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासनकाल में अपराधों की राजधानी बन गया है।

पूनियां ने आज राज्य में बेलगाम अपराध, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म एवं दलित महिलाओं के साथ उत्पीड़न के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में कानून व्यवस्था की समीक्षा करने और हस्तक्षेप की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद जसकौर मीणा, प्रदेश महामंत्री एवं विधायक मदन दिलावर भी थे।

ज्ञापन के बाद पूनियां ने पत्रकारों से कहा कि महिलाओं, बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, गैंगरेप एवं दलितों के साथ अत्याचारों से राजस्थान शर्मसार एवं कलंकित हो रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान शांत प्रदेशों में शुमार होता है, लेकिन गहलोत सरकार के शासन में अपराधों की राजधानी बन गया है। दिसम्बर 2018 से अगस्त 2020 तक चार लाख 35 हजार आपराधिक मुकदमे राज्य के विभिन्न थानों में दर्ज हो चुके हैं। इनमें दलितों के विरूद्ध 11 हजार 200 मुकदमे दर्ज हुए हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराधों में देशभर में राजस्थान का दूसरा स्थान है। नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म से सम्बन्धित अपराधों में राजस्थान का प्रथम स्थान होना दुर्भाग्य की बात है, इससे गहलोत सरकार की लचर कानून व्यवस्था साफ तौर पर दिखती है। पूनियां ने कहा कि गहलोत जो गृहमंत्री भी हैं, उनसे कानून व्यवस्था सम्भल नहीं रही है। वह किसी योग्य व्यक्ति को गृहमंत्री बनाना ही नहीं चाहते हैं।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि राजस्थान की बहन-बेटियों को न्याय दिलाने में मुख्यमंत्री विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट की प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाकर अपराधियों को निश्चित समयावधि में सजा मिले और पीड़िताओं को त्वरित न्याय मिले, ऐसी व्यवस्था प्रदेश के अन्दर करने की जरूरत है, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर गम्भीर नजर नहीं आ रहे हैं।

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि महिला उत्पीड़न की दृष्टि से प्रदेश की स्थिति बहुत ही भयावह है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। ऐसे में हमारी बहन-बेटियां डर के माहौल में जी रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत कानून व्यवस्था को सम्भालने में पूरी तरह विफल साबित हो चुके हैं। इसलिए ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार के शासन में छोटी बच्चियों से लेकर महिलाओं के लिए प्रदेश में कहीं भी सुरक्षित माहौल नहीं है।

प्रदेश महामंत्री एवं विधायक मदन दिलावर ने कहा कि बारां में दो बहनों के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस ने बड़ी लापरवाही की, आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि परिजनों द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा और उनकी गिरफ्त से पीड़िताओं को छुड़वाया, लेकिन पुलिस ने मामले को गोल-मोल कर आरोपियों को बिना किसी जाँच के छोड़ दिया, जो कि अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।