जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कथनी और करनी में अंतर का आरोप लगाते हुए कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का अनुसरण करने का दावा करने वाले अब प्रदेश में तीस फुट चौड़ी सड़क पर ही बार खोलने की अनुमति से शराब बिक्री को बढ़ावा देकर लोगों को नशे की ओर अग्रसर करने का काम कर रहे हैं।
डा पूनिया ने राज्य सरकार की शराब बिक्री को बढ़ावा देने के लिए तीस फुट चौड़ी रोड पर गैर व्यवसायिक 125 वर्गगज भूखण्ड पर बार खोलने की अनुमति की तीखी आलोचना करते हुए आज अपने बयान में कहा कि इससे मुख्यमंत्री की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई पड़ता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने अधिकतर भाषणों में महात्मा गांधी के विचारों का अनुसरण करने का झूठा दावा करते रहे हैं और प्रदेश में शराबबंदी लागू हो इसका समर्थन करने का पाखण्ड करते आए है तथा जनता को भ्रमित करने के लिए यहां के अधिकारियों की एक टीम को बिहार भेजकर वहां शराबबंदी किस रूप में लागू है, उसी तर्ज पर प्रदेश में लागू करने का भ्रम फैलाया जाता है। ठीक इसके विपरीत शराब बिक्री को बढ़ावा देने का आदेश निकालते हैं।
उन्होंने कहा कि तीस फुट रोड पर बार की अनुमति देकर आमजन को नशे की ओर अग्रसर करने का काम किया जा रहा है। क्या राजस्थान को मयखाने में तब्दील करना चाहते हैं, राजस्थान के युवाओं के प्रति उनकी संवेदना खत्म हो चुकी है, जो उन्हें नशे में धकेलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बार खोलने से पार्किंग की समस्या नहीं होगी, अपराध नहीं बढ़ेंगे, सरकार का खजाना भरने के और भी तरीके हो सकते हैं, लेकिन यह तरीका तो प्रदेश को बर्बाद कर देगा।
उन्होंने बताया कि तीस फुट रोड़ पर ही बार की अनुमति की अधिसूचना सरकार ने गत एक जनवरी को जारी कर दी है। पहले 60 फुट और 80 फुट के रोड़ पर बार खोले जा सकते थे, जिसे सरकार ने अपना खजाना भरने के उद्देश्य से बदल दिया।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के 900 में से लगभग 400 बार जयपुर में हैं। राजधानी पहले ही अपराधों से ग्रस्त है। इस निर्णय के बाद जयपुर और राजस्थान की जनता के सामने बड़ी चुनौती होगी।