अलवर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाया कि नागरिक संशोधन कानून लागू न करने की बात कहकर राज्य में अशांति और अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय सम्मेलन में आज भाग लेने के बाद डा पूनिया ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि यह कानून संसद ने पारित किया है। कोई भी कानून केंद्रीय सूची में आने के बाद उसे हर राज्य को लागू करना होता है, लेकिन गहलोत जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह राज्य में अशांति फैलाने और अराजकता फैलाने वाली है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया था, उसमें 34वे नंबर पर उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस की सरकार आने पर पाकिस्तान के विस्थापितों को राजस्थान में नागरिकता दी जाएगी। अब वह अपने वादे से ही मुकर रहे हैं।
डा पूनिया ने कहा कि तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने की मांग की थी। इसके अलावा खुद गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में तत्कालीन गृहमंत्री चिदंबरम से पाकिस्तान विस्थापितों को नागरिकता देने की मांग की थी। अब वह इससे मुकर रहे हैं, यह उनका दोहरा चरित्र दर्शाता है जिसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उजागर किया है।
उन्होंने कहा कि एनआरसी अभी लागू नहीं हुई है। एनआरसी का आदेश उच्चतम न्यायालय ने दिया था। उस संबंध में अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। नागरिक संशोधन बिल से किसी जाति मजहब का कोई लेना देना नहीं है इससे किसी के अधिकार नहीं छीने जा रहे हैं बल्कि नागरिकता संशोधन कानून तो नागरिकता देने को लेकर है।