सिरोही। केन्द्र में मोदी सरकार के सफलतम लगातार 7 साल पूरे होने के दिन प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफे की मांग को लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढा के धरने पर उपवास को राजनीति से प्रेरित बताकर भाजपा ने उन पर करारा तंज कसा है।
भाजपा नगर मंडल सिरोही के अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल ने कहा कि ‘लौट आएंगी खुशियां, झूठा विधायक का शोर है संभलकर रहो प्यारो यह इम्तहानों का दौर है!’ खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे मांगे जाने और वैक्सीन पर सवाल खड़े करने के विधायक के प्रयासों के जवाब में कहा कि सत्ता में मंत्री पद का सुख पाने के लिए किसी भी निचले स्तर पर उतर जाने का चरित्र उजागर हो रहा है।
केंद्र सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर विधायक संयम लोढा के धरने और उपवास का उपहास उड़ाते हुए खंडेलवाल ने कहा कि पीएम मोदी को लोढा के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं क्योंकि देश की जनता ने उन्हें देश की कमान सोंपी है।
खंडेलवाल ने कहा कि विधायक व कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री के कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग को कमजोर करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष घिनौनी राजनीति करके इस लड़ाई को कमजोर करने पर आमादा है। ऐसा लगता है भारत को इस संकट के समय इन लोगों में बदनाम करने की होड़ लगी है, जबकि मोदी सरकार कोरोना महामारी को परास्त करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।
नगर अध्यक्ष ने विधायक व कांग्रेस नेताओं को अपने गिरेबान में झांकने की सलाह देकर कहा कि पिछले दिनों सामने आए कोरोना कुप्रबंधनों से राज्य सरकार की पोल खुल चुकी है। अच्छा हो कि अपनी गलतियों को ढंकने की बजाय जनहित में बिना किसी दिखावे और शोर-शराबे के महामारी काल में जिम्मेदारी पूर्वक जनता को राहत देने में मददगार बनें।
खंडेलवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तक गहलोत सरकार सही तरीके से कोविड-से हुई मौतों का आकलन नहीं करवा पा रही है। सरकारी आंकड़े संदेह के घेरे में हैं। विधायक लोढा की पहली जिम्मेदारी यह बनती है कि वे गहलोत सरकार को उसके चुनावी वादे याद दिलाएं और उसके खिलाफ धरना उपवास करें।
खंडेलवाल ने गहलोत सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि वैक्सीनेशन पर सवाल खड़े करने से पहले सरकार अपने गिरेबान में झांके। प्रारंभ में मोदी वैक्सीन बोलकर नकारने वालों ने टीकाकरण के प्रति भ्रंतियां क्यों फैलाई? यह भी बताएं कि जो वैक्सीन कुछ महीने पहले भाजपा की बताई वह अचानक गांधी परिवार के बच्चों की कैसे हो गई?
प्रदेश व स्थानीय स्तर पर कोविड के कहर के दौरान आहत हुई जनता एवं पीड़ितों की इलाज के दौरान सरकार ने सुध नहीं ली और केंद्र को कोसने में लगी रही। विधायक बताएं कि राहुल गांधी व प्रियंका की संवेदनाएं राजस्थान के लिए शून्य क्यों हुई।
भाजपा ने कहा कि अगर समय रहते भामाशाह, स्वयंसेवी संगठनों, सेवा भारती और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं और जरूरतमंदों को राहत पहुंचा कर नहीं संभाला होता तो मुख्यमंत्री के भरोसे लोगों को टमाटर ही नसीब होते। नगर अध्यक्ष ने बताया कि लॉकडाउन के कारण गरीब मजदूर, बेसहारा और मध्यमवर्गीय परिवार आर्थिक तंगी झेल रहे हैं, वहीं स्थानीय प्रशासन ने गाइडलाइन उल्लंघन के नाम पर करीब सात हजार लोगों पर जबरन चालन बनाकर उन पर गहरी चोट की है।
इसी प्रकार प्रदेश की चरमराई कानून व्यवस्था से अपराध, बलात्कार, हत्या, लूट की घटनाओं पर सरकार चुप्पी साधे है। असुरक्षा के माहौल में जीवन यापन कर रही बहन-बेटियां सरकार से आस छोड़ चुकी हैं। खंडेलवाल ने जिले की बॉर्डर से होती तस्करी पर विधायक की चुप्पी को आश्चर्यजनक बताया।