जयपुर। सीएए पर कांग्रेस समेत विपक्ष चाहे कितना भी दुष्प्रचार कर ले या लोगों में भ्रम फैला कर मोदी सरकार के खिलाफ देश की जन भावनाओं को कितना भी भड़का ले, लेकिन नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर केंद्र सरकार कतई पीछे हटने को तैयार नहीं है। अब भाजपा ने सीएए पर विपक्ष को जवाब देने की कमर कस ली है। भारतीय जनता पार्टी पूरे देश भर में नागरिकता संशोधन कानून दस्तक देने की तैयारी कर रही है।
भाजपा आलाकमान जान रहा है कि देश में नागरिकता संशोधन एक्ट लागू होने के बाद कांग्रेस समेत विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ जिस प्रकार से भ्रामक प्रचार कर कर रही है वह कहीं ऐसा न हो कि भाजपा के लिए घाटे का सौदा हो जाए। दूसरी ओर कांग्रेस भी नागरिकता संशोधन एक्ट के मुद्दे को कई दिनों तक हवा देना चाहता है। विपक्ष मान बैठा है कि यह मामला मोदी सरकार बैकफुट पर ला सकता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी पिछले 5 वर्षों से आक्रामक राजनीति कर रहे हैं। मोदी और शाह की जोड़ी से विपक्ष भी बेचैन है।
10 दिनों तक चल आएगी भाजपा यह अभियान
देश के लोगों को नागरिकता संशोधन एक्ट को समझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने व्यापक योजना बनाई है। भाजपा यह अभियान पूरे 10 दिनों तक चलाएगी। इस दौरान पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेता घर घर जाकर सीएए की विस्तारपूर्वक लोगों को जानकारी भी देंगे। यही नहीं पार्टी के नेता नागरिकता संशोधन कानून के बारे में लोगों को स्पष्ट जानकारी देने के लिए 250 प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। साथ ही हर जिले में नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में रैली और कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
फिलहाल इन 10 दिनों में भारतीय जनता पार्टी की योजना करीब 3 करोड़ परिवारों को नागरिकता कानून के संबंध में जानकारी देने की है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर नागरिकता कानून को लेकर झूठ फैलाने और प्रदर्शन के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया था। यहां आपको बता दें कि विगत दिनों भाजपा ने राजस्थान में इस कानून के समर्थन में रैली की थी, जिसमें कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी शिरकत की थी। इस दौरान कई नेताओं ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस कानून के समर्थन में सड़क पर उतरने की अपील की थी।
नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में उतरीं कई बड़ी हस्ती
मुंबई में दो दिनों पहले कई फिल्मी हस्तियों ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे थे। इस दौरान इन लोगों ने रैली भी की थी, जिसमें मोदी सरकार पर देश में भेदभाव करने के आरोप लगाए थे। लेकिन अब देश का एक बड़ा बुद्धिजीवी वर्ग मोदी सरकार के समर्थन में आ गया है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजनीतिक दलों के विरोध और आम लोगों के प्रदर्शन के बीच बुद्धिजीवियों का एक धड़ा इसके समर्थन में उतर आया है।
1100 शिक्षाविदों, रिसर्च स्कॉलर्स, वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों ने सीएए के समर्थन में एक बयान जारी किया है। इन लोगों में एक बड़ी तादाद भारतीय व विदेशी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले प्रोफेसरों, असोसिएट प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों की है। इसके अलावा, समर्थन करने वालों में एम्स, आईआईएमएस और आईआईटी के वैज्ञानिक भी शामिल हैं। इन लोगों के नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आने से केंद्र की मोदी सरकार को जरूर बल मिला है।
सीएए के समर्थन में यह रहे नामचीन
सीएए के समर्थन में बयान जारी करने वालों में जेएनयू के आनंद रंगनाथन और प्रोफेसर प्रकाश सिंह, वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता, इंस्टिट्यूट ऑफ पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज के सीनियर फेलो अभिजीत अय्यर मित्रा, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट जे साई दीपक, पटना यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ लॉ के गुरु प्रकाश, आईसीएसएसआर की सीनियर फेलो मीनाक्षी जैन, शांतिनिकेतन स्थित विश्वभारती के डॉक्टर देबाशीष भट्टाचार्य, एमिटी यूनिवर्सिटी के मानद प्रोफेसर जीतेन जैन,
मणिपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर एपी पांडेय, डीयू के भास्कराचार्य कॉलेज की डॉक्टर गीता भट्ट समेत कई नाम शामिल हैं। बुद्धिजीवियों ने अपने बयान में कहा है कि हमें विश्वास है कि सीएए पूरी तरह भारत के सेक्युलर संविधान के अनुरूप है और भारतीय नागरिकता चाहने वाले किसी भी देश के शख्स को नहीं रोकता है, न ही यह नागरिकता के मापदंडों को बदलता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार