अलवर। राजस्थान के अलवर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज विधायक संजय शर्मा एवं जिला अध्यक्ष संजय सिंह नरूका के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद के उपसभापति घनश्याम गुर्जर का निलंबन करने के विरोध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पुतला फूंका और उपसभापति के निलंबन के आदेश वापस लेने की मांग की।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर करीब चार घंटे तक धरना दिया और प्रदर्शन किया। विधायक संजय शर्मा ने बताया कि दो साल पहले जब नगर परिषद के चुनाव हुए थे तो कांग्रेसी यहां अल्पमत में थी। अलवर की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने धनबल बाहुबल और हिस्ट्रीशीटरों के दम पर अपना बोर्ड बनाया। पार्षदों को धमकाया। दो साल के कार्यकाल के दौरान अलवर नगर परिषद में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया।
उन्होंने बताया कि सभापति बीना गुप्ता को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। सरकार के नियम के अनुसार 48 घंटे गिरफ्तारी के बाद उसे निलंबित कर दिया जाता है लेकिन षडयंत्र पूर्वक कांग्रेस ने उनको निलंबित नहीं किया क्योंकि अगर उसे 48 घंटे में निलंबित करते थे तो उपसभापति को चार्ज देना पड़ता जिस धारा में उपसभापति को भी हटाने का हवाला दिया गया है वह प्रकरण न्यायालय में लंबित चल रहा है।
उपसभापति घनश्याम गुर्जर से हारने वाले कांग्रेस प्रत्याशी ने सरकार को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री द्वारा कलेक्टर को निर्देशित किया गया। उपखंड अधिकारी के द्वारा जांच की गई। एक माह में ही जांच कर ली गई जबकि उपसभापति का कोई पक्ष नहीं सुना गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह लोकतंत्र की हत्या की गई है। न्यायालय के आदेशों को दरकिनार किया गया है और यह न्यायालय का भी अपमान है।
उन्होंने बताया कि जब भी कोई प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होता है तो सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती। जब तक का उसका निस्तारण न्यायालय द्वारा नहीं किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपने आप को गांधीवादी बताते हैं। पूरे राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है जब सभापति रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ी गई तो पार्टी से निकाल देना चाहिए था लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया।
उधर भाजपा के जिला अध्यक्ष संजय सिंह नरूका ने बताया कि यह लोकतंत्र की हत्या है। राज्य सरकार जयपुर में भी ऐसा कर चुकी है जो अब अलवर में किया गया है। उपसभापति को हटाना जन भावनाओं का कुठाराघात है। लोकतंत्र की हत्या की गई है। सभापति भ्रष्टाचार में लिप्त होने के बावजूद भी सरकार ने उनके निलंबन में 21 दिन लगा दिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के आरोप कांग्रेस ने भी सभापति के खिलाफ लगाए थे लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने भ्रष्ट सभापति को बचाए रखा। उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेशों की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी अपनी गलती को छुपाने के लिए कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने उपसभापति के खिलाफ चल रहे न्यायालय के प्रकरण के विरुद्ध जाकर उन्हें निलंबित कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिस विषय पर निलंबित किया गया है वो न्यायालय का अपमान है और सरकार ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकती जब तक मामला विचाराधीन हो।