धौलपुर। राजस्थान में धौलपुर करौली संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक एवं राजस्थान विकास परिषद के अध्यक्ष अब्दुल सगीर खान के कांग्रेस में शामिल होने से भाजपा की स्थिति कमजोर हो गई है।
भाजपा ने इस बार यहां से निवर्तमान सांसद मनोज राजोरिया को ही दोहराया है जिनके प्रति मतदाताओं में नाराजगी देखी जा रही है। कुछ लोगों का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद उन्होंने मतदाताओं से दूरी बना कर रखी है। दूसरा उन पर इस क्षेत्र की जनता की लम्बे समय से चली आ रही छोटी लाइन का आमान परिवर्तन की मांग को अपने कार्यकाल में रुचि नहीं लेने का भी आरोप है।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन में ही कांग्रेस के रेल राज्यमंत्री ने जिले के सरमथुरा इलाके में छोटी लाइन आमान परिवर्तन कार्य की आधारशिला रखी थी और इसके लिए केंद्र सरकार ने बजट भी मंजूर किया था। बाद में आमान परिवर्तन का काम काफी समय तक चला तो लोगों को उम्मीद बंध गई कि सर मथुरा से मुंबई के लिए गंगापुर होकर सीधी रेल सुविधा उपलब्ध हो जाएगी, लेकिन भाजपा के शासन में ही इस परियोजना की पत्रावली को दबा दिया गया और आमान परिवर्तन का काम बंद हो गया। इसके लिये यहां की जनता सीधे उन्हें दोषी मान रही है।
करौली- धौलपुर जिले में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें से केवल धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की विधायक है। शेष सात विधानसभा क्षेत्रों में गैर भाजपाई विधायक हैं, जिनमें एक बसपा का, एक निर्दलीय और पांच कांग्रेस के विधायक हैं। लिहाजा यहां कांग्रेस का पक्ष मजबूत लग रहा है। कांग्रेस ने यहां से जाटव समाज के संजय जाटव को प्रत्याशी बनाया है जो पेशे से इंजीनियर हैं और धौलपुर के ही हैं।
इस संसदीय क्षेत्र में जाटव और बैरवा मतदाताओं की संख्या करीब चार लाख है। अगर जातीय और क्षेतीय आधार पर मतदान हुआ तो भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। इस क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पास खास मुद्दा नहीं है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के साथ ही राष्ट्रवाद और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मुद्दों के भरोसे हैं। हालांकि इनका मतदाताओं पर असर तो नजर आ रहा है, लेकिन आम मतदाताओं तक ये मुद्दे पहुंच नहीं पा रहे हैं।
धौलपुर करौली संसदीय क्षेत्र से धौलपुर जिले के किसी भी प्रत्याशी को पहली बार कांग्रेस का टिकट मिला है। अब तक कांग्रेस तथा भाजपा ने टिकिट देने में धौलपुर जिले की उपेक्षा की है। जिले में अनुसूचित जाति के करीब पांच लाख मतदाता हैं, जिनमें से चार लाख जाटव और बैरवाओं के हैं। शेष एक लाख अन्य दलित जातियों के हैं।
कांग्रेस का प्रत्याशी जाटव है, इसका लाभ उसे मिलने की संभावना है। यहां बैरवा भी प्रभावशाली हैं क्योंकि कांग्रेस के पूर्व सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा करौली विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं, लेकिन वह धौलपुर जिले के बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। लिहाजा उन्हें बैरवा समुदाय के मत मिलने की संभावना है।