जयपुर। दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि लोकतंत्र के सामने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को घुटने टेकने पड़े और विधानसभा में काला कानून वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस कानून के खिलाफ समाचार पत्रों एवं मीडियाकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। इस काले कानून के खिलाफ सबके संयुक्त प्रयास से सरकार को यह कानून रोल बैक करने को बाध्य होना पड़ा।
तिवाड़ी ने दीनदयाल वाहिनी के सभी कार्यकर्ताओं को भी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में काले कानून के विरोधस्वरुप इसकी प्रतियां जलाकर प्रदर्शन किया और ज्ञापन दिया। तिवाड़ी ने कहा कि इस काले कानून के खिलाफ विधानसभा में मैंने तीन बार विरोध किया। इसी बिल के विरोध में मैंने सुंदरसिंह भंडारी सम्मान लेना अस्वीकार किया था।
तिवाड़ी ने कहा कि जो लोग यह कह रहे थे कि यह कानून है ही नहीं, आज उन लोगों को स्वयं के यथार्थ का पता लगा कि वे कहां खड़े हैं। उन्होंने प्रदेश के पत्रकार संगठनों को भी इस कानून के खिलाफ खडे होने के लिए बधाई दी।