जोधपुर/जयपुर। राजस्थान में जोधपुर जिले के कांकाणी गांव में बहुचर्चित काले हिरणों के शिकार मामले में फैसला आने में दो दशक लग गए।
राजस्थान की स्थानीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा गुरुवार को दिए गए फैसले में फिल्म अभिनेता सलमान खान दोषी करार दे दिया जबकि उनके चारों सहआरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। काले हिरणों का शिकार हम साथ साथ है फिल्म की शूटिंग के दौरान हुआ था।
टाइगर के नाम से लोकप्रिय सलमान खान को आज जिस मामले में सजा हुई वह कांकाणी गांव में 1-2 अक्टूबर 1998 की रात दो काले हिरणों के शिकार का है। आरोप के मुताबिक सलमान खान और उनके साथियों ने उस रात कांकाणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया था। यह मामला आर्म्स ऐक्ट में अतिरिक्त अभियोग लगने की वजह से जुलाई 2012 तक लंबित रहा।
1998 में ‘हम साथ-साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान फिल्म की कास्ट के कुछ लोगों ने काले हिरण का शिकार किया था। सलमान खान पर आरोप था कि उन्होंने जिस बंदूक से काला हिरण का शिकार किया, उस बंदूक का लाइसेंस भी उनके पास नहीं था। हालांकि जनवरी 2017 में आर्म्स ऐक्ट से जुड़े इस केस में सलमान को जोधपुर कोर्ट ने बरी कर दिया था।
इस केस से जुड़े दो अन्य मामलों में सलमान खान को राजस्थान हाई कोर्ट ने जुलाई 2016 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। तीसरा केस राजस्थान के कांकाणी गांव में 1-2 अक्टूबर 1998 की रात दो काले हिरणों के शिकार का है।
सलमान खान को दो चिंकारा शिकार के मामले में पहली बार 17 फरवरी 2006 को जोधपुर की निचली अदालत से एक साल की सजा हुई थी। आरोप है कि जोधपुर के पास भवाद गांव में 26-27 सितंबर 1998 की रात में शिकार किया गया था। सलमान खान पर हिरण शिकार मामले में कुल चार केस दर्ज हुए थे।
फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सितंबर-अक्टूबर 1998 के दौरान सलमान सहित अन्य अभिनेताओं सेफ अली खान, अभिनेत्री तब्बू, नीलम और सोनोली बेंद्रे पर सह आरोपी होने का आरोप लगायागया। इस मामले में सलमान खान के साथ सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम पर भी शिकार के लिए सलमान को उकसाने का आरोप है।
सलमान समेत अन्य आरोपियों पर मथानिया और भवाद में दो चिंकारा के शिकार के दो अलग-अलग मामले, कांकाणी में हिरण शिकार मामला और लाइसेंस समाप्त हो जाने के बाद भी रायफल रखने (आर्म्स ऐक्ट) का आरोप था।
सलमान को काले हिरण के शिकार मामले में 10 अप्रेल 2006 को पांच साल की सजा हुई। शिकार का यह मामला जोधपुर के मथानिया के पास घोड़ा फार्म में 28-29 सितंबर 1998 की रात का है लेकिन बाद में जोधपुर उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिल गई। 25 जुलाई 2016 को राजस्थान हाई कोर्ट ने सलमान को बरी कर दिया। इस मामले में कुल 12 आरोपी थे।
काला हिरण शिकार के इस चर्चित मामले में सलमान एक हफ्ते के लिए जेल में भी रह चुके हैं। निचली अदालत ने सलमान को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग मामलों में एक और पांच साल की सजा सुनाई थी। सलमान के खिलाफ सितंबर 1998 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 51 के तहत मामले दर्ज किए गए थे।
घोड़ा फार्म हाउस शिकार मामले में सलमान को 10 से 15 अप्रेल 2006 तक 6 दिन जोधपुर केंद्रीय कारागार में रहना पड़ा। सेशंस कोर्ट द्वारा इस सजा की पुष्टि करने पर सलमान को 26 से 31 अगस्त 2007 तक जेल में रहना पड़ा था। हिरण शिकार का तीसरा केस कंकाणी गांव में 1-2 अक्टूबर 1998 की रात दो काले हिरणों के शिकार का है।
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