जयपुर। राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा प्रमुख विपक्षी दल भाजपा 46 निकायों में बोर्ड बनाने के लिये पूरी ताकत लगा रही है। राज्य के 49 निकाय चुनाव में तीन पर मकराना, निम्बाहेड़ा और रूपवास में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये हैं। इनमें रूपवास में भाजपा की बबीता भाजपा के चुनाव चिन्ह पर निर्वाचित हुई थी, लेकिन जीत के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया।
25 सदस्यीय पालिका बोर्ड में भाजपा और कांग्रेस के छह छह सदस्य और 13 निर्दलीय विजयी रहे थे। बबीता ने निर्दलीय के रूप में पर्चा भरा था, लेकिन बाद कें भाजपा ने उसे चुनाव चिन्ह दे दिया था।
जीत के बाद बबीता को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। मकराना में कांग्रेस समरीन तथा निम्बाहेड़ा में कांग्रेस के सुभाष निर्विरोध निर्वाचित हुए।
शेष निकाय के बोर्ड बनाने के लिये दोनों प्रमुख दल पार्षदों की बाड़ेबंदी करते हुए उन्हें महंगे रिजॉर्ट में ठहरा रहे हैं। कुछ पार्षदों को हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश भी ले जाया गया है। कई स्थानों पर भाजपा का बहुमत होने के बावजूद वह सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस से बुरी तरह डरी हुई है। बालोतरा में 16 पार्षद जीतकर बड़ा दल होने के बावजूद भाजपा अपने पार्षदों को बाहर ले गयी है तथा उन्हें कल ही बालोतरा लायेगी।
कांग्रेस ने भी अलवर नगर परिषद के 40 कांग्रेस पार्षदों को टोंक जिले के मालपुरा के पास एक रिजॉर्ट में ठहराया है। इसी तरह झुंझुनू के कांग्रेसी पार्षदों को रणथम्भौर तथा छबड़ा के पार्षदों को पुष्कर ले जाया गया है। भरतपुर में भी कांग्रेस 50 पार्षदों को अपने साथ रखने का दावा कर रही है जबकि भाजपा ने भी मेयर के लिये सिवानी दायमा को मैदान में उतारने का फैसला किया है।