बागेश्वर/नैनीताल। उत्तराखंड में बागेश्वर जिले के जोशीगांव में चार लोगों के शव मिलने के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया है। पुलिस को घटना स्थल से जहरीली सल्फास मिली है। प्रथम दृष्टया पुलिस अब इसे आत्महत्या का मामला मान रही है।
बागेश्वर जनपद के घिरौली के जोशीगांव में गुरुवार रात को एक घर से महिला समेत तीन बच्चों के शव बरामद हुए थे। घर का मुखिया भूपाल राम मौके से गायब था। भूपाल राम मूल रूप से कपकोट तहसील के शामा का रहने वाला है और कुछ समय से जोशी गांव में गोविंद बिष्ट के मकान में सपरिवार रह रहा था।
बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार वर्मा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लगता है। उन्होंने कहा कि मौके पर आज सुबह एक टीम को भेजा गया था। बारीकी से तफ्तीश करने पर एक पन्नी से जहरीली सल्फास बरामद हुई है। इसके अलावा जिस घर से शव बरामद हुए हैं, उसके दोनों दरवाजे अदंर से बंद थे। पुलिस टीम दरवाजा को तोड़ कर अदंर गई है।
उन्होंने कहा कि अभी शवों काे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कुछ तथ्यों पर से पर्दा उठ सकेगा। उन्होंने कहा हालांकि पुलिस सभी कोणों से मामले की जांच कर रही है। पुलिस भूपाल राम की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है।
मौके पर से जिन लोगों के शव बरामद हुए हैं उनकी पहचान भूपाल राम की पत्नी नंदी देवी (40), पुत्री अजंलि (14) एवं पुत्र कृष्णा (8) और भाष्कर (3) के रूप में हुई है। शव सड़ी गली हालत में मिले हैं। इससे अदांजा लगाया जा रहा है कि यह घटना कुछ दिन पुरानी है।
ग्रामीणों ने परिवार के सदस्यों को आखिरी बार 8 मार्च को होली के अवसर पर देखा था। कल जब गांव के कुछ युवक उस मकान की तरफ पेयजल लाइन को ठीक करने गए तो उन्हें दुर्गंध लगी। उन्होंने देहरादून में रह रहे मकान मालिक गोविंद बिष्ट से संपर्क साधा और पुलिस को इसकी सूचना दी।
बताया जा रहा है कि भूपाल राम का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। परिवार मजदूरी कर अपना गुजारा करता था। कुछ दिन पहले भूपाल राम के खिलाफ ठगी का एक मामला भी दर्ज हुआ था। इससे यह भी अंदाज लगाया जा रहा है कि भूपाल राम का परिवार इससे तनाव में रहने लगा। यही नहीं भूपाल राम परिवार के भरण पोषण के लिए कई कई दिनों तक घर से दूर रहता था।