मुंबई। बालीवुड की मशहूर कोरियॉग्राफर सरोज खान का शुक्रवार रात हृदयाघात से गुरु नानक अस्पताल में निधन हो गया। वह 71 साल की थीं।
वह पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ थीं। मधुमेह से पीड़ित सरोज खान को सांस लेने में तकलीफ के बाद मुंबई के बांद्रा में स्थित गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने शुक्रवार रात 1.52 मिनट पर अंतिम सांस ली।
उन्होंने साल 1983 में ‘हीरो’ फिल्म में कोरियॉग्राफर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी, जबकि कोरियोग्राफर के तौर पर उनकी आखिरी फिल्म ‘कलंक’ थी।
बाल कलाकार से कोरियोग्राफर बनीं थी सरोज खान
बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरूआत कर बॉलीवुड में सभी स्टार्स को अपनी ताल पर नचाने वाली सरोज खान ने कोरियोग्राफर के रूप में अपनी सशक्त पहचान बनाई।
22 नवंबर 1948 को जन्मीं सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। सरोज खान ने सिर्फ तीन साल की उम्र से ही बाल कलाकार के रूप में फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था।
पचास के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया। सरोज ने फेमस डांसर बी.सोहनलाल से कथक, मणिपुरी, कथकली, भरतनाट्यम आदि नृत्य शैली का प्रशिक्षण लिया और 13 साल की उम्र में उन्होंने 41 साल के सोहनलाल से शादी कर ली। सोहनलाल पहले से ही शादीशुदा और चार बच्चों के पिता थे।
एक इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि जब उनकी शादी हुई, उस वक्त वह स्कूल जाया करती थीं। उन्हें शादी के मायने नहीं पता थे। मास्टर सोहनलाल ने उनके गले में एक धागा बांध दिया। उन्हें लगा कि उनकी शादी हो गई है। सरोज खान ने वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से स्वतंत्र कोरियोग्राफर के तौर पर काम करना शुरू किया।