इस कलाकार का नाम जेहन में आते ही दर्शक उनका स्टाइल और एक्टिंग करने लगते हैं। साउथ की फिल्में हो या हिंदी की, रजनीकांत के प्रति दर्शकों की दीवानगी सबसे जबरदस्त बनी हुई है। तमिल में तो प्रशंसक इन्हें भगवान का दर्जा भी देते हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी इनका जादू बरकरार है। साउथ हो या हिंदी सिनेमा हो रजनीकांत की फिल्मों को देखने के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग जाती है। आज भी एक्टिंग के मामलें में वह युवा अभिनेताओं को पीछे छोड़ देते हैं। उनके लाखों फैंस हैं, जो उनकी एक झलक पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं।
रजनीकांत ने न केवल दक्षिणी सिनेमा में बल्कि बॉलीवुड में भी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। पिछले वर्ष उनकी फिल्म 2.0 रिलीज हुई थी। ऐसे ही उनकी तमिल फिल्म ‘कबाली’ काला, दरबार भी सुपरहिट रही थी। दर्शकों में रजनीकांत का क्रेज आज भी बरकरार है। उनके किरदार को दर्शक पसंद करते हैं। रजनीकांत की कई फिल्मों के डायलॉग्स आज भी देशभर में मशहूर हैं। जी हां आज रजनीकांत का जन्मदिन है। 12 दिसंबर 1950 को जन्मे रजनीकांत आज अपना 69 वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए इस सुपरस्टार की जिंदगी और फिल्मी सफर के बारे में जान लिया जाए।
बेंगलुरु में हुआ था रजनीकांत का जन्म
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर, 1950 को बेंगलुरु में हुआ था ।उनके बचपन का नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे। मां जीजाबाई की मौत के बाद चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत हैं।
रजनीकांत का शुरुआती जीवन बेहद कस्ट भरा रहा। घर की माली हालत ठीक नहीं थी। उन्होंने अपना जीवन बहुत बुरी परिस्तिथियों में गुजारा। बाद में उन्होंने परिवार को सहारा देने के लिए कुली का भी काम किया था। कुली का काम करने के साथ-साथ उनके दिमाग में फिल्मों में काम करने की इच्छा दबी हुई थी।
बस कंडक्टर से सुपरस्टार बनने का सफर कुछ इस प्रकार रहा
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद रजनीकांत ने बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। एक कंडक्टर के तौर पर भी उनका अंदाज निराला था या किसी फिल्मी सितारे से कम नहीं था। वह अलग तरह से टिकट काटने और सीटी मारने की अपनी शैली को लेकर यात्रियों और दूसरे बस कंडक्टरों के बीच मशहूर थे। साथ ही सिनेमा से लगाव के चलते रजनी ने कन्नड़ रंगमंच को ज्वाइन कर लिया। कई सालों की कड़ी मशक्कत के साथ 1973 में उन्हें मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट के साथ काम करने का मौका मिला।
वर्ष 1975 में रजनीकांत काे मिला मौका
1975 में रजनीकांत की निर्देशक के. बालंचद्रन से फिर से मुलाकात हुई, तब उन्होंने रजनी को अपनी तमिल फिल्म के लिए छोटा सा रोल ऑफर किया। इस तमिल फिल्म का नाम ‘अपूर्वा रागांगल’ है। रजनीकांत ने इस फिल्म में एक बहुत छोटा-सा किरदार निभाया था, जिसे शायद ही किसी ने नोटिस किया होगा। जिंदगी में लगातार करने के बाद रजनीकांत को साल 1978 में तमिल फिल्म ‘भैरवी’ में पहली बार बतौर मुख्य अभिनेता के रूप में काम करने का अवसर मिला।
यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई और उसके बाद रजनी के सुखी और सफल जीवन की शुरुआत हो गई थी। जिसके बाद रजनीकांत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका फिल्मी करियर उतार-चढ़ाव से भरा है। उन्होंने पर्दे पर पहले नकारात्मक भूमिका और खलनायकी से शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने अन्य भूमिकाएं निभाईं और अंतत: उन्होंने नायक के तौर पर पहचान बनाई।
उसके बाद तमिल सिनेमा के महान सितारे बन गए और तब से सिनेमा जगत में एक प्रतिमान बने हुए हैं।
हिंदी सिनेमा में भी रजनीकांत के लिए जबरदस्त दीवानगी है
रजनीकांत के प्रशंसकों की बॉलीवुड में भी कोई कमी नहीं है हिंदी सिनेमा में भी रजनीकांत के करोड़ों प्रशंसक हैं जो कि उनके डायलॉग और एक्शन के जबरदस्त दीवाने हैं। रजनीकांत ने हिंदी सिनेमा में लगभग सभी बड़े स्टार के साथ काम किया है। बॉलीवुड में उन्होंने ‘मेरी अदालत’, ‘जॉन जॉनी जनार्दन’, ‘भगवान दादा’, ‘दोस्ती दुश्मनी’, ‘इंसाफ कौन करेगा’, ‘असली नकली’, ‘हम’, ‘खून का कर्ज’, ‘क्रांतिकारी’, ‘अंधा कानून’, ‘चालबाज’, ‘इंसानियत का देवता’ जैसी हिंदी फिल्मों से एक खास मुकाम बनाया है।
तमिलनाडु में अपने सुपरस्टार काे प्रशंसक भगवान की तरह पूजते हैं
अपने अनोखे अंदाज और बेहतरीन अभिनय से फिल्म जगत में अलग मुकाम हासिल कर चुके सुपरस्टार रजनीकांत एक ऐसा नाम है, जो सभी की जुबां पर चढ़कर बोलता है। रजनीकांत आज इतने बड़े सुपरस्टार होने के बावजूद जमीन से जुड़े हुए हैं। वह फिल्मों के बाहर असल जिंदगी में एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखते हैं। उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा हैं कि तमिलनाडु में आज उन्हें भगवान की तरह पूजा जाता हैं। उनका संघर्ष अपने आप में प्रेरणादायी है।
वर्ष 1981 में लता से की थी शादी
रजनीकांत ने एथीरात कॉलेज की छात्रा लता से शादी की है। लता ने कॉलेज मैगजीन के लिए उनका इंटरव्यू लिया था।उन्होंने 26 फरवरी, 1981 को आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में सात फेरे लिए थे। आज उनकी दो बेटियां हैं, ऐश्वर्या रजनीकांत और सौंदर्या रजनीकांत और उनकी पत्नी ‘द आश्रम’ नामक एक स्कूल चलाती हैं। बेटी ऐश्वर्या की शादी धनुष के साथ 2004 को हुई थी। उनकी छोटी बेटी तमिल फिल्म उद्योग में निर्देशक और ग्राफिक डिजाइनर है। 2010 को वह उद्योगपति आश्विन रामकुमार के साथ शादी के बंधन में बंध गई।
रजनीकांत को पद्म भूषण समेत कई पुरस्कारों से किया गया है सम्मानित
वर्ष 2014 में रजनीकांत छह तमिलनाडु स्टेट फिल्म अवार्डस से नवाजे गए, जिनमें से चार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और दो स्पेशल अवार्डस सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए मिले। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 45वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (2014) में रजनीकांत को सेंटेनरी अवॉर्ड फॉर इंडियन फिल्म पर्सनेल्टिी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।
हाल ही में गोवा फिल्म फेस्टिवल में अमिताभ बच्चन और रजनीकांत दोनों हस्तियां एक बार फिर मंच पर आईं। पहली बार, अमिताभ ने रजनीकांत को ‘आइकॉन ऑफ द ईयर‘ अवाॅर्ड दिया। इस दौरान रजनीकांत ने अमिताभ के पैर छुए ।इसके बाद, रजनीकांत ने अमिताभ को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया ताे अमिताभ ने उन्हें गले लगा लिया था।
रजनीकांत ने राजनीति में भी रखा कदम
सुपरस्टार रजनीकांत ने का 31दिसंबर 2017 को अपनी नई राजनीति पार्टी बनाने की घोषणा की थी। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम रजनी मक्कल मंड्रम रखा है। हालांकि उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं खड़े किए थे। सुपर स्टार रजनीकांत ने कहा था कि उनकी इच्छा तमिलनाडु में राजनैतिक क्रांति लाने की है। उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु एक ‘ऐतिहासिक’ राज्य है, जिसने कई बड़े बदलाव लाए हैं। यहां हम आपको बता दें कि साउथ और हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन ने भी अपनी राजनीति पार्टी बनाई थी।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार