मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई स्थित ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज’ कार्यालय को बृहन्मुंबई नगर निगम ने कथित तौर पर अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया है। इस बीच बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कंगना रनौत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
न्यायालय की ओर से यह रोक गुरुवार दोपहर तीन बजे तक लगाई गई है हालांकि बीएमसी ने पहले ही अपनी कार्रवाई पूरी ली थी। न्यायालय इस मामले में गुरुवार को फिर सुनवाई करेगा। न्यायालय ने कंगना रनौत के कार्यालय में अवैध निर्माण को गिराने में इतनी जल्दबाजी करने के लिए बीएमसी से जवाब मांगा है। कल बीएमसी को इसका जवाब देना है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी देखते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गत 26 मार्च को एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार बीएमसी और सभी संबंधित विभाग किसी के खिलाफ कोई विरोधात्मक कार्रवाई जल्दबाज़ी में ना करें।
गौरतलब है कि कंगना एवं शिव सेना नेताओं के बीच जारी वाक् युद्ध के बीच बीएमसी ने यह कार्रवाई की है। कंगना बुधवार को मुंबई आने के लिए अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से रवाना हो चुकी हैं।
30 सितंबर तक थी रोक
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि इससे कि अगर व्यक्ति को अदालत का दरवाजा खटखटाना हो, तो वह कानूनी सहायता के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सके. 26 मार्च को जारी हुए इस आदेश पर हाईकोर्ट ने 31 अगस्त को सुनवाई की थी और इसे 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा भी दिया है.
हाईकोर्ट ने पूछा- जल्दबादी क्यों?
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर बीएमसी क्या हाईकोर्ट के आदेश का भी सम्मान नहीं करते या पालन करना उचित नहीं समझती। ऐसे भी क्या जल्दबाजी थी कि बीएमसी ने नोटिस देने के 24 घंटे के भीतर ही कंगना के ऑफिस में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी. वो भी तब जब मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में आज ही होनी थी।
नहीं हुआ अवैध निर्माण
कंगना रनौत के ऑफिस तोड़ने की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी आईं. बीएमसी ने कहा कि कंगना रनौत ने अपने ऑफिस में अवैध निर्माण करवाया है, लेकिन कंगना ने कुछ देर पहले ही ट्वीट कर कहा कि उनके ऑफिस में कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ है।