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Booth record shows congress is on ventilator in sirohi district - Sabguru News
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टिकिट के लिए दिल्ली तक गए, अपने ही बूथ पर कांग्रेस को नहीं दिला पाए वोट

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टिकिट के लिए दिल्ली तक गए, अपने ही बूथ पर कांग्रेस को नहीं दिला पाए वोट
Congress party meeting will five o'clock in the evening
Congress legislators Meeting in Chhattisgarh today
Congress sirohi

सबगुरु न्यूज-सिरोही। इस चुनाव मे मिले मतो ने जिले में यह बता दिया कि यहा कांग्रेस का अस्तित्व क़्या और कितना है। इसका सबसे बड़ा सबूत विधानसभा चुनावों में यहा सक्रिय कोंग्रेस के नेताओं के कार्यक्षेत्र, शहर, गांव और बूथ पर हुई कांग्रेस की बदहाली है।

यह नेता कांग्रेस को सम्मांजनक वोट नहीं दिलवा सके। आंकडे यह बता रहे हैं कि इन कांग्रेसी नेताओं की स्वीकार्यता इनके बूथों पर कितनी है। यह लोग दिल्ली और जयपुर तक खुदके टिकिट के लिए चक्कर काटते रहे, लेकिन अपने ही बूथों पर कांग्रेस को मजबूत नहीं कर पाए।

पूर्व जिला प्रमुख चंदनसिंह देवड़ा का गांव और कार्यक्षेत्र जेकेपुरम है। इसी से सटा इनका गांव बनास है। पिण्डवाड़ा आबू विधानसभा में पड़ने वाले जेकेपुरम बूथ पर वहां के कांग्रेस प्रत्याशी लालाराम गरासिया को सिर्फ 258 मत ही मिल पाए, जबकि भाजपा प्रत्याशी समाराम गरासिया ने 630 मत पाए।

इसी तरह जिला परिषद सदस्य पुखराज गहलोत के अपने निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी लालाराम गरासिया भाजपा प्रत्याशी समाराम गरासिया से बेहतर स्थिति में नहीं थे। हां, रेवदर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले उनके मूलगांव मूंगथला में जरूर कांग्रेस प्रत्याशी नीरज डांगी भाजपा प्रत्याशी जगसीराम कोली से कुछ ज्यादा वोट ला पाए। इसमें भी डांगी की मेहनत ज्यादा मानी जा रही है।

रेवदर विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा क्षेत्र आबूरोड नगर क्षेत्र पडता है। इसमें नगर अध्यक्ष अमित जोशी और युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भवनीश बारोट का कार्यक्षेत्र है। यहां पर भाजपा प्रत्याशी जगसीराम कोली को 10 हजार 154 वोट मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी नीरज डांगी को 9171 मत। डांगी यहां पर 983 वोटों से पीछे रहे।

कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष हीराभाई अग्रवाल के कार्यक्षेत्र सांतपुर के बूथों पर जगसीराम कोली को 3451 मत मिले और डांगी को 2100। डांगी 1351 मतों से यहां से हारे।

लोढ़ा के साथ पूरी की पूरी कांग्रेस के बागी हो जाने का कारण हाईकमान में उनका विरोध भी रहा। इस विरोध में शामिल सिरोही विधानसभा में कुलदीपसिंह देवडा पालडी एम बूथ से कांग्रेस को सिर्फ 964 वोट दिलवा पाए जबकि ओटाराम देवासी को 1531 मत मिले, कांग्रेस के बागी भी यहां से बेहतर वोट ले जाने में सफल हुए।

पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा के मूल गांव उथमण में भी कांग्रेस की दुर्गत हुई। यहां पर कांग्रेस को जहां सिर्फ 394 वोट मिल पाए तो कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा 848 और भाजपा प्रत्याशी ओटाराम देवासी 679 वोट पाने मे सफल रहे। अनाराम बोराणा के खुद के मोहल्ले के बूथ संख्या 101 में कांग्रेस को मात्र 60 वोट मिले। वहीं भाजपा को 543 और निर्दलीय संयम लोढ़ा को 306 वोट मिले। भाजपा और निर्दलीय से कांग्रेस को यहां 246 वोटों से पिछड़ना पड़ा।

कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष हरीश परिहार भी कांग्रेस की जीत में अपने निवास क्षेत्र में कांग्रेस के लिए वोट नहीं जुटवा पाए। उनके गृह नगर शिवगंज में कांग्रेस को तीन डिजिट में मात्र 707 मत मिल पाए, जबकि कांगे्रस के बागी संयम लोढ़ा उनसे दस गुना ज्यादा 7208 और ओटाराम देवासी 6332 वोट लाने में सफल हुए।

शिवगंज शहर में हरीश परिहार के घर के बूथ संख्या 69 में कांग्रेस को सिर्फ 30 वोट मिले, वहीं भाजपा को 577 व निर्दलीय को 392 वोट मिले। कांग्रेस भाजपा से 543 वोट पीछे रही। इस बूथ पर भी कांग्रेस की जमानत जब्त होने से वो बचा नहीं सके।

सिरोही नगर की बात करें तो कांग्रेस की पूर्व सभापति जयश्री राठौड़ के तो गली वालों ने भी कांग्रेस को वोट नहीं दिया। कांग्रेस से विधायक पद की दावेदारी करने वाली राठौड़ के निकटस्थ एक बूथ से जहां कांग्रेस को 13 वोट मिले, तो कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा को 365 और ओटाराम देवासी को 275 मत मिले।

इसी शहर में कांग्रेस के एक और नेता राजेन्द्र सांखला भी रहते हैं। सिरोही शहर में यह लोग मिलकर भी कांग्रेस के प्रत्याशी जीवाराम आर्य को मात्र 1 हजार 358 वोट ही दिलवा पाए। वहीं कांग्रेस के बागी संयम लोढ़ा इनके विरोध के बाद भी अपने सहयोगियों और शहरवासियों में विश्वास के कारण कांग्रेस प्रत्याशी से आठ गुना ज्यादा 9 हजार 645 मत ले आए तो ओटाराम देवासी को 7558 मिले।

प्रदेश कांग्रेस महासचिव गुमानसिंह देवड़ा के भी हाल बहुत अच्छे नहीं है। इनके मूल गांव मेरमांडवाड़ा में इनके बूथ संख्या 181 में कांग्रेस को मात्र 88 वोट मिले। भाजपा को 154 और इनके विरोध के बाद भी लोढ़ा को 274। यहां भाजपा को भी ये नहीं पछाड पाए। मेरमांडवाड़ा के दोनों बूथों में कांग्रेस पर मात्र 152, भाजपा को 284 और निर्दलीय संयम लोढ़ा 480 मतदाताओं ने विश्वास जताया।

जिले में कांग्रेस की बदहाली यही स्पष्ट कर रही है कि लोढ़ा विरोधी गुट अपने दम पर कांग्रेस को हरवा जरूर सकते हैं, लेकिन अपने बूते पर कांग्रेस को जिले में सम्मानजनक स्थिति में लाने में सक्षम नहीं हैं। सिरोही और शिवगंज के आंकडे तो ये बता रहे हैं कि ये लोग अपने दम पर यहां पर कांग्रेस की जमानत तक नहीं बचा पा रहे हैं। ऐसे में पांच महीने बाद आ रहे लोकसभा चुनावों से पहले जिले में अपाहिज कांग्रेस को घुटने पर चलाने के लिए भी खुद कांग्रेस हाईकमान को यहां धन और मानव बल दोनों झोंकना पड़ेगा।