सिरोही। सिरोही में दो दिन पहले राजस्थान एक्साइज विभाग के दलों द्वारा भारजा के पास खेत में शराब की बड़ी खेप पकड़ाने के बाद सिरोही पुलिस अधीक्षक अब राजनेताओं के निशाने पर भी आ गए हैं।
नागौर सांसद और आरएलपी के नेता हनुमान बेनीवाल ने अपनी फेसबुक वाल पर मुख्यमंत्री से पुलिस अधीक्षक की भूमिका की जांच की मांग की है। वहीं सिरोही के ही एक कांस्टेबल का वीडीयो भी वायरल हो गया है जिसमें उसने सिरोही पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सिरोही में रविवार को भारजा में जो गुजरात में तस्करी के लिए एकत्रित की गई हरियाणा व पंजाब निर्मित अंग्रेजी शराब की खेप पकड़ी गई थी उसे लेकर अब राज्य स्तर पर राजनीति गर्मा गई है। नागौर विधायक ने मंगलवार को अपनी फेसबुक वाल पर इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका होने की बात कही है।
उन्होंने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा कि राजस्थान में गुजरात राज्य के बॉर्डर पर स्थित सिरोही जिले में शराब का जो जखीरा पकड़ा गया, शराब का इतना बड़ा अवैध काम बिना पुलिस के संरक्षण के असम्भव है। विगत वर्ष जब लॉकडाउन शुरू हुआ तब जो जालोर जिले के जिला पुलिस अधीक्षक थे और चौथ वसूली करवाकर लोगो को गुजरात की सीमा से जालोर जिले में एंट्री करा रहे थे इस कारण उन्हें वहां से तब हटाया गया था। ऐसे व्यक्ति को ही फिर से सिरोही एसपी लगा दिया गया और इस अवैध शराब के पूरे प्रकरण में वर्तमान सिरोही एसपी की भूमिका की मिलीभगत को नकारा नहीं जा सकता।
ऐसे में राजस्थान सरकार को ऐसे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग देने से पहले उनके पूर्व के कार्यकाल में उनके द्वारा जो भ्रष्टाचार किया गया है उसको नजरअंदाज नही करना चाहिए। आबकारी विभाग के जिम्मेदारों व एसपी सिरोही की भूमिका की जांच राज्य सरकार को एडीजी रैंक के अधिकारी के निर्देशन में करवाने की जरूरत है। जबकि जांच एडिशनल एसपी को दी गई।
आखिर एक एडिशनल एसपी,स्क्क की भूमिका की जांच कैसे करेगा? उक्त कार्यवाही को जब अंजाम दिया गया तब सिरोही की टीम को भनक तक नही लगने दी, उससे जाहिर है सिरोही जिले में सिस्टम में बैठे लोगों की मिलीभगत शामिल थी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ऐसे मामले में संज्ञान लेना चाहिए।
इधर, एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें सिरोही के ही एक कांस्टेबल का बयान सामने आ रहा है। देवेन्द्र नाम के इस कांस्टेबल ने बताया कि उन्हें साजिश रचकर तमिलनाडू भेजा गया। उसने आरोप लगाया कि वहां से लौटने पर पुलिस अधीक्षक ने शराब तस्कर के कहने पर उसे सस्पेंड किया। सस्पेंशन के बाद एसपी के खास हेड कांस्टेबल तेजाराम ने उससे कहा कि वो लोग तमिलनाडू से जो भी पैसा लाए हैं वो दे दें।
कांस्टेबल ने बताया कि उन्होंने हेडकांस्टेबल से कहा कि सर वहां कोई पैसे की लेनदेन नहीं हुई है। देवेन्द्र ने आरोप लगाया कि फिर तेजाराम ने कहा कि सोमवार तक पैसा जमा करवा दो, नहीं जमा करवा पाए तो उन्हें सस्पेंड कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांस्टेबल देवेन्द्र ने इसकी रिपोर्ट एसीबी जयपुर में भी की, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया था।