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Botanist amazed to see rare colour of flame of forest in sirohi
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पहली बार ये खबर: सिरोही में जंगल की आग का बदला रंग, जानकर रह जाओगे दंग

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पहली बार ये खबर: सिरोही में जंगल की आग का बदला रंग, जानकर रह जाओगे दंग
The flower of the orange teas usually found in the forest of Sirohi, the yellow tişu flowering tree first seen in the forest of Sirohi
The flower of the orange teas usually found in the forest of Sirohi, the yellow tişu flowering tree first seen in the forest of Sirohi
The flower of the orange teas usually found in the forest of Sirohi, the yellow tişu flowering tree first seen in the forest of Sirohi

– वो खबर जो संभवतः सिरोही में अब तक कभी भी प्रकाशित नहीं हुई
परीक्षित मिश्रा-सिरोही। जंगलों में भ्रमण के दौरान जंगल की आग यानि टेसू के पीले रंग के फूलों के एकमात्र पेड ने दंग कर दिया। जब सबगुरु न्यूज ने जब इस पेड को सिरोही राजकीय महाविद्यालय के बाॅटनी के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ संजय पुरोहित ने मौके पर जाकर देखा तो नारंगी टेसू के फूलों के बीच में एक पेड पीले टेसू का होने की तस्दीक की।

उनका कहना है कि टेसू के पीले फूलों को पेड सिरोही के जंगलों में पहले कभी नहीं दिखा। रोहिडा गांव निवासी गिरीश जोशी ने बताया कि उन्होंने भी सिरोही से उदयपुर के बीच के क्षेत्र में दशकों से टेसू के पीले फूल नहीं देखे हैं। सिरोही मे पीले टेसू की मौजूदगी का समाचार अब तक संभवतः सबगुरु न्यूज से पहले कभी भी कहीं भी प्रकाशित नहीं हुआ है और न ही कभी इसका जिक्र आया है।

Dr. Sanjay Purohit Assistant Professor of Botany of Sirohi Govt College is seen in the forest of Sirohi yellow tissue flowers tree
Dr. Sanjay Purohit Assistant Professor of Botany of Sirohi Govt College is seen in the forest of Sirohi yellow tissue flowers tree

सबगुरु न्युज को जब टेसू की ये प्रजाति दिखी तो इसके टेसू होने की तस्दीक के लिये वनस्पति विज्ञानी डॉक्टर संजय पुरोहित को लेकर मौके पर पहुंचा और इसकी तस्दीक करवाई, जिससे डॉक्टर पुरोहित के सह्योग से सिरोही के जंगलो मे वनस्पति की एक दुर्लभ प्रजाति सामने आई।
-टेसू को कहते हैं जंगल की आग
डाॅ पुरोहित ने बताया कि फागुन के महीने में होली के पहले प्रकृति भी अपने आपको रंग लेती है। होली में रंगों के उपयोग के लिए इंसानों को वो खुद ही नारंगी रंग के टेसू के फूल दे देती है। टेसू के फूल पेड पर सबसे उपरी हिस्से के पत्तों को गिराकर लगते हैं, ऐसे में सैंकडों पेड एकसाथ ऐसा नजारा पेश करते हैं जैसे जंगल में आग लगी हो। इसलिए नारंगी रंग के टेसु के फूलों के कारण ही इन फूलों को जंगल की आग कहा जाता है। इसका बोटेनिकल नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा है।

-पीला टेसू कहीं नहीं
अरावली के उदयपुर से लेकर माउण्ट आबू तक के इलाके में अब तक ब्यूटिया मोनोस्पर्मा के पीले फूल नहीं पाए गए हैं। डाॅ पुरोहित ने बताया कि सिरोही क्षेत्र में भी अब तक नारंगी टेसू के फूल ही दिखे हैं, पहली बार पीले रंग का टेसू का फूलों वाला पेड मिला है।

ये तीन रंग में मिलते हैं। सबसे सामान्य नारंगी रंग है जिसके कारण टेसू को जंगल की आग कहा जाता है। इसके अलावा सफेद और पीला रंग भी है। यह दोनों रंग सामान्यतः सिरोही जिले के जंगलों में नहीं मिलते। फूलों की कई फैमिली में एक ही अलग-अलग रंग के फूल मिलते हैं। मटर कुल के फूलों में ऐसा देखा जा सकता है।
-किया जा सकता है संरक्षित
पीले रंग का टेसू कितना असामान्य है इसकी पुष्टि सिरोही के दोनों वन मंडलों के डीसीएफ भी कर रहे हैं। उनके अनुसार सामान्यतः टेसू नारंगी रंग के ही होते हैं और सिरोही के वन क्षेत्र में उन्होंने ये रंग नहीं देखे। वैसे टेसू चार हजार फीट की उंचाई तक ही मिलते हैं, ऐसे में माउण्ट आबू सेंचुरी में छीपाबेरी के नीचे के क्षेत्र में यह मिलते हैं उससे उपर नहीं, लेकिन सरोही वन खण्ड में अरावली की तराई में यह सभी जगह फैले हुए हैं।

ऐसे में पीले टेसू के फूलों को सिरोही वन खण्ड में मिलना अपने आप में दुर्लभ है, जिसे वन अधिकारी और जिला प्रशासन संरक्षित करके इसे और बढाने का काम कर सकता है। जिससे यह सिरोही वनखण्ड की विशेष वनस्पति के रूप में पहचान बना सके।
-इनका कहना है…
आमतौर पर ब्यूटिया मोनोस्पर्मा यानि टेसू तीन रंगों मंे मिलता है। नारंगी टेसू सभी जगह मिलेगा। अरावली क्षेत्र में पीला टेसू पहली बार दिखा है।
डाॅ संजय पुरोहित
सहायक प्राफेसर, बाॅटनी, राजकीय महाविद्यालय सिरोही।

टेसू के फूल को ब्यूटिया मोनोस्पर्मा कहते हैं। इसके अलावा पलाश और ढाक भी कहा जाता है। यह नारंगी रंग के ही होते हैं, पीले रंग के टेसू दिखे नहीं हैं।
संग्रामसिंह
डीसीएफ, वन खण्ड सिरोही।

टेसू के फूल निश्चित उंचाई पर ही होते हैं, ऐसे में माउण्ट आबू के उपरी हिस्से में यह नहीं हैं। इनके फूल अभी आए हैं, इस दौरान बाहर था तो फील्ड विजिट नहीं की। यदि पीले टेसू मिले हैं तो शायद पिगमेंटेशन की समस्या होगी, लेकिन पूरा पेड ही पीले टेसू के फूलों का है तो निश्चित तौर पर इसे देखना चाहूंगा।
हेमंतकुमार
डीसीएफ, माउण्ट आबू सेंचुरी।

टेसू के फूल तीन रंग के होते हैं। सफेद, नारंगी और पीला। सिरोही में सिर्फ नारंगी टेसू ही मिलता है। उत्तर प्रदेश में पीला और सफेद दोनों टेसू देखे हैं। राजस्थान में नहीं देखे। यदि सिरोही में दिखा है तो यह रेयर है।
प्रकाश गुप्ता
कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग, सिरोही।

देखिये सिरोही के जंगलो मे पीले टेसु के फूलो के पेड का विडियो…