माउंट आबू। राजस्थान के माउंट आबू में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि अध्यात्म को जीवन में प्राथमिकता देना समय की पुकार है।
दादी रतनमोहिनी संगठन के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का स्मृति दिवस पर संगठन के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाईन के तहत सादे तौर पर यह कार्यक्रम मनाया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान संसार में बदल रहे हालात को देखते हुए मनोबल को बढ़ाने के लिए राजयोग का नियमित अभ्यास करना जरूरी हो गया है।
परमात्मा से योग लगाने से ही स्वयं के जीवनचरित्र को संवारा जा सकता है। अध्यात्म की गहराई की अनुभूति किए बिना मानसिक विकृतियों में उलझे मन को शांत करना असंभव है। विश्व में मूल्यों को जमीनी हकीकत पर बढ़ावा देना बड़ा कार्य है लेकिन सामुहिक रूप से इस कार्य को संपन्न करना कोई मुश्किल नहीं है।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. निर्मला ने कहा कि ब्रह्मा बाबा ने स्वयं को त्याग, तपस्या की साक्षातमूर्त बनाकर अनेकानेक मनुष्यों के मन में विश्वकल्याण की भावना के बीच बोए। जो वटवृक्ष की तरह आज समूचे विश्व में फलीभूत हो रहे हैं।
कार्यक्रम में संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके शशि बहन ने कहा कि जीवन में अविनाशी सुख, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए त्यागवृत्ति होना जरूरी है। व्यर्थ विचारों का त्याग करने से ही तपस्या की सीढिय़ों पर चढक़र मुक्ति, जीवनमुक्ति का अनुभव किया जा सकता है।