माउंटआबू। गुजरात के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य नरहरि अमीन ने कहा है कि भारतीय संस्कृति की साख को फिर से विश्व में कारगर तरीके से स्थापित करने के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन की ओर से किए जा रहे प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं।
अमीन अपने माउंटआबू प्रवास के दौरान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन में अपने विचार साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मजूबत मनोबल होने से किसी भी असंभव कार्य को संभव करने में कोई बड़ी से बड़ी परिस्थिति भी बाधा नहीं बन सकती। पारिवारिक एवं सामाजिक सदभाव को कायम रखने के लिए स्वयं की चेतना में निहित श्रेष्ठ भावनाओं की शक्ति को निमित भाव से कार्य में लगाना चाहिए।
उन्होंनेे कहा कि इस संस्थान में चित्र के स्थान पर चरित्र, व्यक्ति के स्थान पर व्यक्तित्व की उपासना होती है जो अपने आप में अनुकरणीय है। वास्तविक अर्थों में धर्म संयम, सदाचार, शाकाहार, वसुधैव कुटुम्बकम की शिक्षा देते हुए आत्मभाव उत्पन्न करता है।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सहमुख्य प्रशासिका बीके शशि बहन ने कहा कि मनोबल को बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ विचार की खुराक बेहतर जरिया है। जीवन में स्थाई सुख शान्ति के लिए मन का पालन पोषण श्रेष्ठ विचारों से किया जाना चाहिए।
भारत को सुखमय बनाने के लिए आध्यात्मिक संगठनों की श्रेष्ठ विचारधारा की बदौलत हर व्यक्ति के मन में समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी भावनाओं का उदय होता है। ऐसी मनोस्थिति से ही समाज को एकता के सूत्र मेें पिरोने के कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है।