नई दिल्ली। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का आज नौसेना के स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से सफल परीक्षण किया गया।
देश में ही बने स्टील्ड डेस्ट्रायर से दागी गई मिसाइल ने उच्च-स्तरीय एवं अत्यधिक जटिल युक्तियों का प्रदर्शन करते हुए अरब सागर में लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा।
‘प्रमुख मारक अस्त्र’ के रूप में तैनात किए जाने के बाद ब्रह्मोस मिसाइल आईएनएस चेन्नई की समुद्र से सतह पर लंबी दूरी के लक्ष्यों को भेदने वाले युद्धपोत के रूप में विजय सुनिश्चित करेगा और यह डेस्ट्रॉयर नौसेना का एक और घातक प्लेटफार्म बनेगा।
ब्रह्मोस को भारत और रूस ने संयुक्त रूप से डिजाइन,विकसित और निर्मित किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल प्रक्षेपण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), ब्रह्मोस उपक्रम और भारतीय नौसेना को बधाई दी है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों तथा डीआरडीओ, ब्रह्मोस उपक्रम, नौसेना एवं उद्योग के कार्मिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइलें अनेक प्रकार से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि करेंगी।