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ब्राजील ने जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया : कोच टीटे
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ब्राजील ने जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया : कोच टीटे

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ब्राजील ने जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया : कोच टीटे
ब्राजील ने जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया : कोच टीटे
ब्राजील ने जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया : कोच टीटे
ब्राजील ने जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया : कोच टीटे

कजान । पांच बार की चैंपियन ब्राजील के कोच टीटे बेल्जियम के हाथों फीफा विश्वकप क्वार्टरफाइनल में मिली हार से काफी सकते में हैं अौर उन्होंने कहा है कि टीम ने इस मैच में जीत के लिये वह जज्बा ही नहीं दिखाया जिसकी अपेक्षा थी।

शुक्रवार रात हुये क्वार्टरफाइनल मुकाबले में पांच बार की चैंपियन ब्राजील को 2-1 से हराकर बेल्जियम ने 32 साल बाद विश्वकप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया था। फर्नांडिन्हो ने आत्मघाती गोल करते हुये बेल्जियम को बढ़त दिला दी थी जिसने ब्राजील को सबसे बड़ा झटका दिया।

मैच के 13 मिनट बाद फर्नांडिन्हो के कंधे से गेंद लगी और पोस्ट में पहुंच गयी जबकि आधे घंटे बाद ही केविन डी ब्रुएन ने दूसरा गोल करते हुये बेल्जियम को 2-0 की बढ़त दिलाकर ब्राजील को शुरूआत में ही मुकाबले से लगभग बाहर कर दिया। ब्राजील के वैकल्पिक खिलाड़ी रेनाटो अगस्तो ने 76वें मिनट में हैडर की मदद से टीम के हार के अंतर को कम किया।

ब्राजील मैच में इतने दबाव में दिखी कि फिर वह बराबरी का गोल नहीं कर सकी। बेल्जियम ने इस जीत के साथ अंतिम-4 में फ्रांस के साथ मुकाबला तय कर लिया। ब्राजीली टीम ने मैच में गोल के कई अच्छे प्रयास किये लेकिन बेल्जियम गोलकीपर थिबाउट कोर्टिस ने उनका बचाव कर लिया। हालांकि कोच टीटे ने टीम के खराब प्रदर्शन के लिये खिलाड़ियों को ही लताड़ा है और इसके पीछे किस्मत की बात से इंकार किया है।

उन्होंने कहा की फुटबाल में कुछ भी स्थायी नहीं होता है लेकिन मुझे यहां किस्मत की बात करना अच्छा नहीं लगता। यदि हम किस्मत की बात करते हैं तो साफ है कि हम विपक्षी टीम के प्रयासों को कम कर रहे हैं। मैं किस्मत में विश्वास नहीं करता। क्या मैं कहूं कोर्टिस की किस्मत अच्छी थी, नहीं वह कमाल का खेल रहे थे। उनके बचाव कमाल के थे और आप कुछ नहीं कर सकते। बेल्जियम ने बहुत प्रतिस्पर्धी और प्रभावशाली खेल दिखाया।

टीटे ने कहा की दुर्घटनाएं, अचानक कोई स्थिति पैदा होने जैसी चीजें होती हैं और इस मैच में ऐसा कई बार हुआ। यह कहना दुखद है। लेकिन मैं बेल्जियम को कम नहीं कह सकता क्योंकि वह जबरदस्त थी। लेकिन हमारे लिये मौके बहुत निर्दयी रहे। हमारे लिये इसे स्वीकार करना बहुत मुश्किल है लेकिन यह सच है।

वर्ष 2016 के मध्य में ब्राजील का कोच पद संभालने वाले टीटे के लिये यह प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय मैचों में पहली हार है और ओवरऑल दूसरी। यह भी पहला मौका है जब ब्राजील ने किसी मैच में दो गोल खाये हैं जबकि क्वार्टरफाइनल से पूर्व मौजूदा विश्वकप में उसके खिलाफ कोई टीम केवल एक ही गोल कर सकी थी जबकि ब्राजील के आखिरी 25 मैचों में केवल छह ही गोल उसके खिलाफ हुये हैं।

बेल्जियम के खिलाफ भी मैच में ब्राजील ने विपक्षी टीम पर काफी दबाव बनाया था और दूसरे हाफ में वैकल्पिक डगलस कोस्टा और रेनाटो अगस्तो ने बेल्जियम रक्षापंक्ति काे भेदने का अच्छा प्रयास किया। टीटे ने लेकिन अपनी टीम की आलोचना में कोई कमी नहीं बरती जबकि ब्राजील ने गोल पर 26 शॉट किये जबकि बेल्जियम ने केवल आठ।

कोच ने कहा की हमें मैच के दो तिहाई हिस्से में बढ़त थी। लेकिन बेल्जियम मौकों को भुना सका। मैं नहीं कह सकता कि यह शानदार मैच था। लेकिन यह दो प्रभावशाली टीमों के बीच मैच था। इस दर्द और कड़वाहट के साथ मैं मैच के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं। हां जिन लोगों को फुटबाल पसंद है उनके लिये यह अच्छा मैच होगा।