मुंबई। सिल्वर स्क्रीन पर चुलबुले अंदाज से तहलका मचाने वाली अभिनेत्री श्रीदेवी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 54 साल की थी। दुबई में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे वहां एक शादी समारोह में हिस्सा लेने गई थीं।
बतादें कि अपनी बेटी जाह्नवी की पहली फिल्म को पर्दे पर देख पातीं इससे पहले ही नियति ने उनकी जिंदगी का ही पर्दा गिरा दिया। श्रीदेवी ने अपनी गजब की खूबसूरती, दिलकश अदाओं और दमदार अभिनय से लाखों फेंस का मनोरंजन किया। हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल, मलयालम, तेलुगू, कन्नड़ और में भी उनके काम की बदौलत पहचान बनी। बेहतरीन अभिनय के कारण उनकी गिनती श्रेष्ठ एक्ट्रेस के रूप में की जाती थी। वह अस्सी और नब्बे के दशक में सक्रिय रहीं।
बॉलीवुड की दिलकश अदाकारा श्रीदेवी का फिल्मी सफर
चार साल की उम्र में ही तमिल फिल्मों से पर्दे पर आनी वाली श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त,1963 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव मीनमपट्टी में हुआ था। उनके पिता का नाम अय्यपन और मां का नाम राजेश्वरी था। उनके पिता एक वकील थे। उनकी एक बहन और दो सौतेले भाई हैं।
साल 1976 तक श्रीदेवी ने कई दक्षिणी भारतीय फिल्म में बतौर बाल-कलाकर के रूप में अपनी कला का जौहर दिखाया। एक्ट्रेस के रूप में 1976 में उन्होंने तमिल फिल्म ‘मुंदरू मुदिची’ में काम किया। श्रीदेवी को मलयालम फिल्म ‘मूवी पूमबत्ता'(1971) के लिए केरला स्टेट फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने इस दौरान कई तमिल-तेलुगू और मलायलम फिल्मों में काम किया, जिसके लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया।
1979 में सोलवां सावन से शुरुआत
श्रीदेवी ने हिंदी में अपने करियर की शुरुआत साल 1979 में फिल्म ‘सोलवां सावन’ से की थी। लेकिन उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म ‘हिम्मतवाला’ से मिली। इस फिल्म के बाद वह हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं।
उन्होंने अपने करियर के दौरान कई दमदार किरदार निभाए। उन्होंने हेमा मालिनी अभिनीत फिल्म ‘सीता और गीता’ की रीमेक ‘चालबाज’ में डबल रोल निभाया। पंकज पराशर द्वारा निर्देशित फिल्म में अंजू और मंजू के किरदार से उन्होंने सभी का मन मोह लिया। साल 1983 में फिल्म ‘सदमा’ में श्रीदेवी दक्षिण सिनेमा के अभिनेता कमल हासन संग नजर आईं। इस फिल्म में उनके अभिनय को देख समीक्षक भी हैरान थे।
मिथुन से प्यार के चर्चे
श्रीदेवी को फिल्मों में अपने मिथुन चक्रवर्ती से प्यार हो गया। दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा, हालांकि मिथुन पहले ही शादीशुदा थे। उन दिनों दोनों का फिल्मी करियर उन दिनों ऊंचाइयों पर था और उनके प्यार के चर्चे भी आम हो गए। इन सबसे मिथुन के गृहस्थ जीवन में भूचाल लाकर रख दिया था, जिसके बाद मिथुन ने सबको अपने और श्रीदेवी के रिश्ते की सफाई दी।
उम्र में बडे बोली कपूर से शादी
इसके बाद श्रीदेवी ने 1996 में अपनी उम्र से लगभग 8 साल बड़े फिल्म निर्माता बोनी कपूर से शादी कर सबको चौंका दिया था। इनकी दो बेटियां भी हैं जाह्नवी और खुशी कपूर हैं। फिलहाल बड़ी बेटी बॉलीवुड में आने को तैयार है।
साल 1996 में निर्देशक बोनी कपूर से शादी के बाद श्रीदेवी ने फिल्मी दुनिया से अपनी दूरी बना ली थी। लेकिन इस दौरान वह कई टीवी शो में नजर आईं। श्रीदेवी ने साल 2012 में गौरी शिंदे की फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ से रूपहले पर्दे पर अपनी वापसी की।
हिंदी सिनेमा से कई साल तक दूर रहने के बाद भी फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश’ में उन्होंने बेहतरीन अभिनय से आलोचकों और दर्शकों को चौंका दिया था। उन्हें भारत सरकार ने साल 2013 में पद्मश्री से सम्मानित किया। इसके अलावा उन्हें ‘चालबाज’ (1992) और ‘लम्हे’ (1990) के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है।
200 फिल्मों में दिखा श्रीदेवी का जलवा
श्रीदेवी ने अपने लंबे करियर में लगभग 200 फिल्मों में काम किया। इनमें 63 हिंदी, 62 तेलुगू, 58 तमिल और 21 मलयालम फिल्में शामिल हैं। इनमें ‘जैसे को तैसा’, ‘जूली’, ‘सोलहवां साल’, ‘हिम्मतवाला’, ‘जस्टिस चौधरी’, ‘जानी दोस्त’, ‘कलाकार’, ‘सदमा’, ‘अक्लमंद’, ‘इन्कलाब’, ‘जाग उठा इंसान’, ‘नया कदम’, ‘मकसद’, ‘तोहफा’, ‘बलिदान’, ‘मास्टर जी’, ‘सरफरोश’,’आखिरी रास्ता’, ‘भगवान दादा’, ‘धर्म अधिकारी’, ‘घर संसार’, ‘नगीना’, ‘कर्मा’, ‘सुहागन’, ‘सल्तनत’, ‘औलाद’, ‘हिम्मत और मेहनत’, ‘नजराना’, ‘जवाब हम देंगे’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘शेरनी’, ‘सोने पे सुहागा’, ‘चांदनी’, ‘गुरु’, ‘निगाहें’, ‘बंजारन’,’फरिश्ते’, ‘पत्थर के इंसान’, ‘लम्हे’, ‘खुदा गवाह’, ‘हीर रांझा’, ‘चंद्रमुखी’, ‘गुमराह’, ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘चांद का टुकड़ा’, ‘लाडला’, ‘आर्मी’, ‘मि. बेचारा’, ‘कौन सच्चा कौन झूठा’, ‘जुदाई’, ‘मिस्टर इंडिया 2’ उनकी खास फिल्मों में शुमार की जाती हैं।