सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिले प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से ठीक एक दिन पहले बहुत बड़ा टर्निंग पॉइंट आया है। दो जिला परिषद सदस्यों की गुमशुदगी दर्ज करवाने के पीछे की मुख्य वजह सामने आ गयी है। गुमशुदा जिला परिषद के सदस्य के परिजन और तीन जिला परिषद सदस्यों ने भाजपा के दो जिला परिषद सदस्यों के गायब होने को आधार बनाते हुए सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की तिथि आगे बढ़ाने की अपील की है।
इधर सूचना ये भी है कि जिला प्रमुख की तरफ से भी एक केविएट लगाई गई है, वैसे जिला प्रमुख के पति अरुण परसरामपुरिया किसी तरह की केविएट लगाने से इनकार कर रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि को बढ़ाने के लिए भाजपा की दो महिला जिला परिषद सदस्य और कोंग्रेस के सदस्य के अलावा गुमशुदा जिला परिषद सदस्य रिश्तेदार शामिल हैं। ये सभी व्व लोग हैं जिन्होंने जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप मेहता की कोर्ट में इस रिट पर सुनवाई मंगलवार को होगी।
-मतदान से पहले निर्णय नही आया तो क्या
सबगुरु न्यूज ने पहले ही इस बात का खुलासा कर दिया था कि 21 अगस्त को जिला प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन भाजपा के सदस्य नहीं पहुंच पाएंगे, वही हुआ। जिला परिषद सदस्यों के गायब होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तिथि आगे बढाने की रणनीति बनाई गई है।
वैसे इसके पीछे एक रणनीति ये भी हो सकती है कि मुख्यमंत्री के आने तक अविश्वास प्रस्ताव लाने में संदिग्ध नेता इस पर मतदान को टालना चाहते हों। वैसे यदि इस रिट पर निर्णय 11 बजे से 1 बजे के बीच नहीं आया तो जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया इस अग्नि परीक्षा को पार कर जाएंगी और उनके खिलाफ अगले 2 साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। तब तक उनका कार्यकाल पूर्ण हो जाएगा।