अलवर। राजस्थान के अलवर में डेढ़ लाख की रिश्वत के मामले में पौने दो साल से फरार चल रहे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रहे डॉ पंकज गुप्ता ने आज भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अदालत में समर्पण कर दिया जहां से एसीबी के अधिकारियों ने उसे पूछताछ के लिए एक दिन की हिरासत में लिया है।
ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र मीणा ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में फरार चल रहे अलवर के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गुप्ता ने आज एसीबी की कोर्ट में न्यायाधीश गणेश राम के समक्ष समर्पण कर दिया। उसके बाद आरोपी डॉक्टर को कोर्ट से पूछताछ के लिए रिमांड पर मांगा गया। जहां से अदालत ने एक दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया है।
उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा योजना में समझौता करने के मामले में राजगढ़ के वेदांता अस्पताल के डॉ हरिमोहन सैनी से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में कार्यरत जिला कार्यक्रम अधिकारी नभेन्द्र सिंह भाटी के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गुप्ता ने रिश्वत मांगी थी।
नरेंद्र सिंह भाटी ने दो लाख की रिश्वत की मांग की थी। सौदा डेढ़ लाख रुपए में हुआ था और 11 अप्रैल 2017 को ट्रैप की कार्रवाई की गई। जिसमें एसीबी टीम द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी नभेन्द्र सिंह को नंगली सर्किल के पास एक कार से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। जिसमें मुख्य रूप से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पंकज गुप्ता के भाई अमित मंगल की भूमिका रही।
अमित फोन के माध्यम से रिश्वत के लिए नरेंद्र सिंह भाटी से वार्ता करता था। टीम ने नरेंद्र सिंह भाटी की गिरफ्तारी के बाद प्रथम दृष्टा आरोपी मानते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रहे डॉ पंकज गुप्ता के भाई अमित मंगल को गिरफ्तार किया था।