अजमेर। राजस्थान में अजमेर में रिश्वत लेेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति सहित तीन आरोपियों को अजमेर की भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत में पेश किया गया जहां अदालत ने उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजने आदेश दिए।
ब्यूराे के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुलपति प्रो. आरपी सिंह, दलाल रणजीत चौधरी और रिश्वत राशि लाने वाले नागौर के महिपाल सिंह को शाम को अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने मामले की जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। तीनों आरोपी अब दस सितंबर तक ब्यूरो की हिरासत में रहेंगे।
इससे पहले सुबह जयपुर से अजमेर पहुंचे ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन ने ब्यूरो के कार्यालय पर दिनभर तीनों आरोपियों से पूछताछ की। इस दौरान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक सुब्रोतो दत्ता को भी ब्यूरो कार्यालय तलब किया गया।
बाद में दिनेश एमएन ने पत्रकारों से कहा कि ब्यूरो के पास पुख्ता सबूत हैं जिसमें रिश्वतखोरी में सीधे तौर पर कुलपति शामिल हैं। हम सभी आरोपियों से पता लगाएंगे कि रिश्वत का यह खेल किस स्तर पर चलाया जा रहा था, कौन कौन इसके शिकार हुए है और कौन कौन इसमें शामिल हैं। दूसरी ओर गिरफ्तार कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने इस मामले में खुद को फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जांच में ब्यूरो को पूरा सहयोग करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कल जयपुर और अजमेर की संयुक्त टीम ने अजमेर ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक समीर सिंह के नेतृत्व में कुलपति निवास से दलाल रणजीत सिंह को दो लाख बीस हजार रुपए की रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया था। उस दौरान कुलपति आरपी सिंह अपने निवास पर ही मौजूद थे। राशि देने वाला नागौर निवासी महिपाल सिंह भी मौके से ही पकड़ा गया।