अजमेर। राजस्थान में अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति निवास पर आज भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की दबिश में रिश्वत के बडे खेल का पर्दाफाश हुआ। मौके पर एक कथित दलाल को 2 लाख 20 हजार रुपए की नकदी के साथ दबोच लिया गया। इस मामले में वीसी आरपीसिंह, उनके निजी ड्राइवर रणजीत चौधरी और इंजीनियर राहुल मिर्धा मेमोरियल कॉलेज झुंझाला नागौर के प्रतिनिधि महिपाल को गिरफ्तार किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ब्यूरो के अजमेर और जयपुर के दल ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित कुलपति निवास पर उक्त कार्रवाई को अंजाम देते हुए दलाल रणजीत को संदिग्ध राशि के साथ पकड़ा है। सूत्रों ने बताया कि रणजीत नए कॉलेज की मान्यता दिलाने के नाम पर यह राशि ले रहा था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरपी सिंह के सरकारी आवास पर जयपुर ब्यूरो के डीजी आलोक त्रिपाठी और एडीजी दिनेश एमएन के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई में अजमेर ब्यूरों की टीम भी शामिल रही।
ब्यूरो को लिखित शिकायत मिली जिसके सत्यापन के बाद यह कार्रवाई की गई। रिश्वत का यह खेल निजी महाविद्यालयों को परीक्षा केन्द्र बनवाने और इन निजी कॉलेजों में सीटें बढाने की एवज में ली जा रही थी। अजमेर एसीबी एसपी समीर सिंह ने बताया किे शिकायत मिली थी कि यूनिवर्सिटी में निजी कॉलेजों की मान्यता, परीक्षा केन्द्र बनाने और सीटें बढाने के नाम पर घूस ली जा रही है।
इस शिकायत के बाद एसीबी ने इस मामले से जुडे सभी लोगों को सर्विलांस पर ले रखा था। मोबाइल सर्विलांस के जरिए सोमवार को पता चला कि इंजीनियर राहुल मिर्धा का प्रतिनिधि महिलाल रिश्वत की राशि लेकर कुलपति आवास पहुंचेगा। इसी आधार पर एसीबी ने कुलपति आवास के बाहर जाल बिछाया और कुलपति के सरकारी आवास में उनके निजी ड्राइवर रणजीत चौधरी को महिपाल से 2 लाख 20 हजार रुपए रिश्वत लेते दबोच लिया।
एसीबी टीम ने रणजीत और महिपाल से करीब 2 घंटे तक मौके पर ही पूछताछ की और बाद में तीनों को अरेस्ट कर लिया। एसीबी की टीमों ने कुलपति आवास और कार्यालय की तलाशी ली तथा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। पूरे मामले की पडताल की जा रही है। संदेह है कि रिश्वत के इस मामले में यूनिवर्सिटी के कई अन्य बडे अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।