
बेंगलूरु। विभिन्न एक्जिट पोल में कर्नाटक में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी से उत्साहित पार्टी के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं विधान सभा में विपक्ष के नेता बीएस येद्दियुरप्पा ने मतगणना के दूसरे दिन 24 मई को पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक येद्दियुरप्पा ने पहले यह बैठक 21 मई को बुलाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब शुक्रवार तक के लिए बैठक स्थगित कर दी गई है।
लगभग तमाम एग्जिट पोल सर्वेक्षणों में कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में भाजपा को 18 से 25 सीटें तक मिलने की संभावना जताई गई है। यह राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों कांग्रेस और जनता दल (एस) के एकजुट होने के बाद भी संभावित परिणाम के विपरीत है। मतदान बाद सर्वेक्षणों में गठबंधन सहयोगियों के खाते में केवल तीन से 10 सीटें जीतने का दावा किया गया है जो भविष्यवाणियों की तुलना में बहुत कम है।
भाजपा के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक यदि कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन समुचित संख्या में सीटें नहीं हासिल कर पाते हैं तो गठबंधन सरकार का पतन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, क्योंकि हाशिये पर बैठे कांग्रेस के कई विधायक पाला बदलकर भाजपा से हाथ मिला सकते हैं जो एक साल पुरानी जद (एस)-कांग्रेस सरकार के पतन के लिए खतरे की घंटी के समान होगा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में पार्टी के चुनाव अभियान का नेतृत्व करने वाले येद्दियुरप्पा ने कई बार दावा किया कि पार्टी कम से कम 22 सीटें जीतेगी। उन्होंने गठबंधन सरकार के पतन की स्थिति के बारे में नई सरकार के गठन को लेकर रणनीति बनाने को लेकर अपने करीबी सहयोगियों के साथ कई बार बैठकें भी की हैं।
इस बीच, असंतुष्ट कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली, जिन्होंने कथित रूप से गठबंधन सरकार को गिराने की कसम खाई थी, भी बेंगलूरु में डेरा डाले हुए हैं और कांग्रेस के विधायकों के साथ गुप्त वार्ता कर रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार जरकीहोली, जिन्होंने पहले ही घोषणा की थी कि वह लोकसभा चुनाव के बाद अपनी गोकक विधानसभा सीट से इस्तीफा देने का फैसला लेंगे, भाजपा सरकार को राज्य सरकार के पतन में मदद कर सकते हैं। अपने अनुयायी विधायकों को भी अपने रास्ते पर चलने के लिए भी जरकीहोली दवाब बना सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि जरकीहोली के साथ कम से कम तीन कांग्रेस विधायक हैं, जो उनके करीबी हैं।