बेंगलूरु। कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार के खिलाफ विपक्षी कांग्रेस की ओर से लाया गया अविश्वास प्रस्ताव चार घंटे तक चली चर्चा के बाद रविवार को ध्वनिमत से गिर गया।
विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वरी हेगड़े कागेरी ने अविश्वास प्रस्ताव के ध्वनिमत से गिरने की घोषणा की और इसके बाद सदन स्थगित कर दिया। इससे पहले प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्य विपक्षी नेता सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड -19 महामारी के प्रसार को रोकने में बुरी तरह विफल रही है और मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्य विभिन्न भ्रष्टाचारों में लिप्त है।
उन्होंने कहा कि येदियुप्पा राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रहे हैं और केन्द्र सरकार द्वारा उचित अनुदान जारी करने से इंकार करने पर वह मूकदर्शक बने हुए है। उन्होंने कहा कि वह केन्द्र से राज्य में बाढ़ राहत कार्यों की वित्तीय सहायता प्राप्त करने में भी विफल रहे है।
विपक्ष के आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए पूरे मामले को कानूनी एजेंसियों और लोकायुक्त के समक्ष साबित करने की चुनौती दी। सदन में चली चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और सिद्धारमैया के बीच तीखी नोंकझोंक भी देखी गई।