जयपुर । भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) ने राजस्थान आईएलडी स्किल यूनिवर्सिटी के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। विश्वविद्यालयों के संसाधनों के अधिक प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने और छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से बीएसडीयू ने राजस्थान आईएलडी स्किल यूनिवर्सिटी के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
राजस्थान के 11 जिलों के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में भाग लेने वाले लगभग 200 प्रशिक्षकों के विदाई समारोह में इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। राजस्थान आईएलडी स्किल यूनिवर्सिटी के उप कुलपति आईएएस डॉ ललित के पंवार और भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने अन्य प्रतिष्ठित मेहमानों के साथ समझौता ज्ञापन के तहत उल्लिखित उद्देश्यों को मान्य किया।
समझौता ज्ञापन के बाद छात्र संभावित अवसरों पर सबसे अपडेट जानकारी से लाभान्वित होंगे जो विश्वविद्यालय एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे। दोनों विश्वविद्यालय एक-दूसरे के संस्थान में कौशल प्रशिक्षण के लिए छात्रों का द्विपक्षीय आदान-प्रदान करेंगे। उपरोक्त के अलावा, एमओयू प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और दोनों विश्वविद्यालयों में विभिन्न कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने और अपडेट करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।
इस अवसर पर राजस्थान के कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री अशोक चांदना ने कहा, ‘‘आजकल हर उद्योग में इतनी भयंकर प्रतिस्पर्धा है कि छात्रों को स्कूली जीवन के दौरान ही निर्णय लेना और इसके मुताबिक तैयारी करनी पड़ती है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, शिक्षा में कौशल का एकीकरण नए भारत को आकार देने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाएगा।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘बीएसडीयू राजस्थान के कौशल परिदृश्य को बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।‘‘
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के उप कुलपति और प्रेसीडेंट डॉ (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने कहा, ‘‘एमओयू का उद्देश्य बीएसडीयू और आरआईएसयू के बीच स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम की सुविधा प्रदान करना और दोनों विश्वविद्यालयों से प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। हम छात्रों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक स्वभाव को विकसित करने की दिशा में हमारे प्रयासों के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार से आईआईसी प्रमाणन प्राप्त करके बहुत खुश हैं। हमारा मानना है कि यहां से हमें अभी और आगे जाना है।‘‘
नैस्सकाॅम की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक श्रम बल की तुलना में भारत में 2027 तक कार्यबल में 18.6 प्रतिशत की बढोतरी होने की उम्मीद है, जबकि 2017 में यह 18 प्रतिशत थी। चूंकि भारत में बहुत बड़ा कौशल अंतराल है, इसलिए कंपनियां तीन प्रमुख रणनीतियों को लागू करना चाहती हैंः वर्तमान कर्मचारियों को फिर से ट्रेनिंग देना, औपचारिक कौशल प्रशिक्षण से युक्त नए स्टाफ की भर्ती करना और नौकरी पर कार्यरत कर्मचारियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की उपायुक्त श्रीमती स्नेहलता हरित और बीएसडीयू की टीम से श्री जयंत जोशी, श्री अभिषेक जोशी, डॉ रवि गोयल और श्री अचिन्त्य चैधरी ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। बीएसडीयू ने व्यावसायिक प्रशिक्षकों के लिए सम्मान समारोह भी आयोजित किया, जिन्होंने सफलतापूर्वक प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम पूरा किया। आज समाप्त हुए पांच दिवसीय प्रशिक्षण के तहत 11 जिलों के 370 वोकेशनल ट्रेनरों ने भाग लिया और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया।