जयपुर । देश के पहले विशुद्ध कौशल विश्वविद्यालय ‘भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी’ (बीएसडीयू) ने आज स्कूल प्रधानाचार्य सम्मेलन-2019 का आयोजन किया, जिसमें लगभग 1000 प्राचार्यों की भागीदारी देखी गई।
स्कूल सम्मेलन का एजेंडा उन तमाम चुनौतियों का जायजा लेना था, जिनका सामना स्कूलों के प्रधानाचार्यों को करना पड़ता है, समस्याओं के संभावित समाधान तलाशने पर जोर रखा गया। इसके अलावा ‘बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार करने के तरीके’ और ‘स्कूल अपने परिसरों के लिए 5-स्टार रेटिंग कैसे प्राप्त कर सकते हैं’ आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
बीएसडीयू, कौशल शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो स्विस ड्यूल सिस्टम पर आधारित है यानी वैश्विक स्तर वाले विश्वविद्यालयी पाठ्यक्रम के साथ मौजूदा दौर के उद्योग जोखिमों को जोड़ने वाली शिक्षा प्रणाली। डॉ. राजेंद्र कुमार जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सूला जोशी के मस्तिष्क की उपज यह यूनिवर्सिटी राजस्थान में कौशल विकास के जरिए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए समर्पित हैं। अपने लक्ष्य के अनुरूप ‘भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी, जयपुर’ (बीएसडीयू) ने हर कौशल के लिए अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रशिक्षकों वाली अपनी कौशल प्रणाली व विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे को स्कूलों के प्रधानाचार्यों के सामने प्रदर्शित करने के लिए पूरे राजस्थान के प्रधानाचार्यों का दो-दिवसीय ‘स्कूल पिं्रसिपल्स समिट-2019’ का आयोजन किया है।
डॉ. राजेंद्र जोशी की ओर से स्थापित बीएसडीयू कौशल विकास में अग्रणी है। डाॅ. जोशी का मानना है कि किसी भी देश की आबादी को कौशल से लैस करना उत्कृष्टता और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। बीएसडीयू दोहरी शिक्षा प्रणाली (स्विस ड्यूल सिस्टम) के निर्माण की एक अनूठी अवधारणा पर काम करता है जहां सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक औद्योगिक प्रशिक्षण पर प्रमुख ध्यान केंद्रित किया जाता है।
राजस्थान सरकार में शिक्षा विभाग के कमिश्नर प्रदीप कुमार बोरड़ ने कहा, ‘हमने विभिन्न अग्रणी कोचिंग संस्थानों के साथ रिकॉर्डेड क्लासरूम सत्र प्रदान करने के लिए टाईअप किया है, जिसे बाद में हम अपने सभी स्कूलों को प्रदान करेंगे। न केवल स्कूल के छात्रों के लिए, बल्कि कॉलेज के छात्रों के लिए भी। हमारे पास 252 सरकारी कॉलेज हैं जो पूरे राजस्थान में मुफ्त आईएएस-आरएएस के लिए कोचिंग प्रदान करते हैं जहाँ लगभग 50,000 छात्र पहले ही पंजीकृत हैं और इन प्रशिक्षणों का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। हम व्याख्याताओं में क्षमता निर्माण के लिए भी कई कदम उठा रहे हैं ताकि वे अधिकतम छात्रों को प्रशिक्षित कर सकें।’
भारतीय स्किल डवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाब्ला ने कहा, ‘शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और आजीवन सीखते रहना, रोजगार के आधार हैं। आने वाले समय के लिए तैयार कर्मचारियों को सक्षम करने के लिए युवाओं को आवश्यक कौशल और शिक्षा से लैस करने की आवश्यकता है। बेहतर नौकरियों के लिए ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन बहुत महत्वपूर्ण है और सबसे अच्छी बात यह है कि अब छात्रों के पास ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ ही अलग-अलग कौशलों में प्रशिक्षित होने के अवसर हैं, जो कॅरियर में विकास के नए रास्ते और संभावनाएं खोलते हैं। मैं राजस्थान सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग को उनके प्रयासों के लिए बधाई देना चाहता हूं, जिससे राजस्थान के शिक्षा परिदृश्य में और अधिक सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद जगी है।’
बीएसडीयू में मुख्य रजिस्ट्रार प्रो. अचिंत्य चैधरी और एडमिशन डायरेक्टर डॉ. रवि गोयल सहित राजस्थान सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग में कार्यक्रम सचिव जगदीश मीणा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी श्री विष्णु दत्त स्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री सुरेश कुमार जैन भी इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।