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सीकर : सैन्य सम्मान के साथ जवान महेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार - Sabguru News
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सीकर : सैन्य सम्मान के साथ जवान महेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार

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सीकर : सैन्य सम्मान के साथ जवान महेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार

सीकर। राजस्थान के सीकर जिले में दांतारामगढ़ के भारीजा के पास जवाहरजी की ढाणी निवासी सीमा सुरक्षा बल के जवान महेंद्र सिंह का आज उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

जवान का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर बुधवार सुबह पैतृक गांव जवाहरजी की ढाणी पहुंचा। इस दौरान एएसआई मालीराम मीणा सहित पुलिसकर्मियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कोरोना के चलते अंतिम संस्कार में सामाजिक दूरी की पालना के साथ सैंकड़ों ग्रामीण शरीक हुए।

गौरतलब है कि जवान महेंद्र सिंह जोधपुर में तैनात थे। मंगलवार को अचानक छत से गिर जाने से उनकी मृत्यु हो गई थी। बीएसएफ इंस्पेक्टर सुनील गहलावत ने बताया कि महेंद्र सिंह बीएसएफ में बड़े ही होनहार और कर्म निष्ठ व्यक्ति थे। उनको जो भी काम दिया जाता, उसे वह मेहनत और ईमानदारी के साथ पूरा करते थे।

बीएसएफ जवान का पार्थिव शव लेने से परिजनों का इनकार

सीकर जिले के श्रीमाधोपुर निवासी एवं सीमा सुरक्षा बल के जवान बीरबल राम यादव के आत्महत्या के बाद पैतृक गांव पहुंचे उनके पार्थिव शरीर को परिजनों के लेने से मना कर देने से मामले ने तूल पकड़ लिया हैं।

जवान का पार्थिव शरीर त्रिपुरा से आज तड़के जैसे ही उनके पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा तो परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों का कहना है कि वह पहले जवान बीरबल राम की मेडिकल रिपोर्ट देखेंगे। उसमें आत्महत्या की पुष्टि के बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे।

परिजनों का आरोप है कि जवान ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि, उसकी हत्या की गई है। जिसके बाद उसका पार्थिव शरीर फांसी के फंदे पर लटकाया गया है। बीएसएफ कमांडेंट एवं जवानों की समझाइश के बाद भी परिजन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

घटना की सूचना पर थानाधिकारी कैलाश चंद मीणा और तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत भी मौके पहुंचे और पहले तो शव लेकर गांव पहुंचे बीएसएफ के कमांडेंट से वार्ता की। इसके बाद उनके साथ परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, समाचार लिखे जाने तक परिजन नहीं माने।

गौरतलब है कि 45 वर्षीय बीरबल राम गत 22 मई को त्रिपुरा में फंदे पर झूलता हुआ मिला था। बीएसएफ ने आत्महत्या कर लेने की बात कही थी। लेकिन, आज जैसे ही बीरबल राम का पार्थिव शरीर तड़के चार बजे पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा, तो परिजन मेडिकल रिपोर्ट की मांग पर अड़ गए। ऐसे में पार्थिव शरीर बीएसएफ के ट्रक में ही रखा है।

बीएसएफ जवान का पार्थिव शव लेने से परिजनों का इनकार

सीकर जिले के श्रीमाधोपुर निवासी एवं सीमा सुरक्षा बल के जवान बीरबल राम यादव के आत्महत्या के बाद पैतृक गांव पहुंचे उनके पार्थिव शरीर को परिजनों के लेने से मना कर देने से मामले ने तूल पकड़ लिया हैं।

जवान का पार्थिव शरीर त्रिपुरा से आज तड़के जैसे ही उनके पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा तो परिजनों ने शव लेने से इन्कार कर दिया। परिजनों का कहना है कि वह पहले जवान बीरबल राम की मेडिकल रिपोर्ट देखेंगे। उसमें आत्महत्या की पुष्टि के बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे।

परिजनों का आरोप है कि जवान ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि, उसकी हत्या की गई है। जिसके बाद उसका पार्थिव शरीर फांसी के फंदे पर लटकाया गया है। बीएसएफ कमांडेंट एवं जवानों की समझाइश के बाद भी परिजन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।

घटना की सूचना पर थानाधिकारी कैलाश चंद मीणा और तहसीलदार महिपाल सिंह राजावत भी मौके पहुंचे और पहले तो शव लेकर गांव पहुंचे बीएसएफ के कमांडेंट से वार्ता की। इसके बाद उनके साथ परिजनों को समझाने की कोशिश की। लेकिन, समाचार लिखे जाने तक परिजन नहीं माने।

गौरतलब है कि 45 वर्षीय बीरबल राम गत 22 मई को त्रिपुरा में फंदे पर झूलता हुआ मिला था। बीएसएफ ने आत्महत्या कर लेने की बात कही थी। लेकिन, आज जैसे ही बीरबल राम का पार्थिव शरीर तड़के चार बजे पैतृक गांव पृथ्वीपुरा पहुंचा, तो परिजन मेडिकल रिपोर्ट की मांग पर अड़ गए। ऐसे में पार्थिव शरीर बीएसएफ के ट्रक में ही रखा है।