लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिल्ली में मजदूरों से मिलने को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेसी नेता मजदूरों से मिलने के दौरान प्रवासी मजदूरों की आर्थिक मदद तथा उनके खानें की व्यवस्था कर देते तो उन्हें राहत मिल जाती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को उनके दु:ख दर्द को बांटने के साथ बसपा की तरह उनकी मदद भी करनी चाहिए थी। मजदूरों के साथ हो रही दुर्घटनाओं से कांग्रेस के नेताओं को भी सबक सीखना चाहिए। पंजाब व चण्डीगढ़ से बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश के हैं। पंजाब सरकार की उपेक्षा की वजह से वे यमुना नदी के जरिये भी घर वापसी कर रहे हैं। उनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है।
मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि कांग्रेसी नेता लोग दिल्ली में मजदूरों से मिलने के दौरान यदि प्रवासी मजदूरों की कुछ आर्थिक मदद व खाने आदि की व्यवस्था भी कर देते तो उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिल जाती अर्थात कांग्रेस को उनके दुःख-दर्द को बांटने के साथ-साथ बीएसपी की तरह उनकी कुछ मदद भी जरूर करनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नेताओं को भी सबक सीखना चाहिए क्योंकि पंजाब व चण्डीगढ़ से काफी प्रवासी यूपी के मजदूर लोग, सरकार की अनदेखी व उपेक्षा होने की वजह से, यमुना नदी के जरिये भी घर वापसी कर रहे हैं, जिनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना आदि हो सकती है।
मायावती ने कहा कि ऐसे में बेहतर होगा कि कांग्रेस पार्टी अपनी 1,000 बसें यूपी भेजने के बजाए, उन्हें पहले पंजाब व चण्डीगढ़ ही भेज दें, ताकि वे पीड़ित श्रमिकगण यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाए सड़क के जरिये सुरक्षित यूपी पहुंच सकें।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की लगातार उपेक्षा हो रही है। श्रमिकों के परिवारों को दुर्घटनाओं को शिकार होना पड़ रहा है। जिसमें कई लोगों की जाने चली गई है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि जैसाकि विदित है कि बीजेपी-शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही घोर उपेक्षा आदि के कारण काफी श्रमिकों के परिवारों को आयेदिन दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ रहा है, जिसमें अभी तक इनकी काफी दर्दनाक मौतें भी हो चुकी हैं, जो अति-दुःखद हैं।
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