प्रयागराज। बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल पर शुक्रवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके घर के बाहर गोली और बम मार कर हत्या कर दी। इस हमले में उमेश की सुरक्षा में लगे दो सिपाही भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने बताया कि आज शाम करीब पांच बजे धूमनगंज क्षेत्र के सुलेम सराय निवासी उमेश पाल की अज्ञात बंदूकधारियों ने उनके घर के बाहर बम और गोलियों से हमला कर हत्या कर दी। इस हमले में उनकी सुरक्षा में लगे गनर संदीप निषाद एवं एक अन्य की हालत नाजुक है। इनमे से एक को वेंटिलेटर पर रखा गया है जबकि दूसरे का आपरेशन किया गया है।
उन्होंने बताया कि हत्या में छोटे हथियार और बम का इस्तेमाल किया गया है। हत्या में शामिल लोगों की संख्या और पहचान के लिए गवाह के घर और आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है। इस मामले में पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया है।
उमेश पाल के निजी अधिवक्ता विक्रम सिन्हा ने बताया कि आज उमेश के अपहरण काण्ड की अंतिम सुनवाई थी। बहस के बाद वह करीब 4.30 बजे तक उनके साथ अदालत में थे। उमेश घर जाने की बात कह कर अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ अदालत परिसर से निकले थे।
उमेश पाल के सरकारी वकील सुशील वैश्य ने जब उन्हें फोन किया तो उनके मोबाइल पर गाेली चलने की आवाज आ रही थी। उन्होने मुख्य गवाह के मोबाइल पर फोन मिलाया तो शायद भांजा या अन्य किसी सदस्य ने बताया कि मामा को गोली लग गई है, अस्पताल लेकर जा रहे हैं।
गौरतलब है कि राजू पाल की पत्नी एवं पूर्व विधायक पूजा पाल के करीबी उमेश पाल पर इससे पूर्व भी जानलेवा हमला हो चुका है। हालांकि इसमे वह बच गया था। जान से मारने की धमकी तो कई बार दी जा चुकी है। बार बार मिल रही धमकी के कारण ही उसको सरकार ने दो सुरक्षकर्मी दे रखे थे।
इलाहाबाद पश्चिमी के बसपा विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को सुलेमसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले में पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत अन्य लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
अतीक के गुर्गो ने उमेश पाल का भी अपहरण कर लिया था। इसकी भी रिपोर्ट दर्ज है। राजू पाल हत्याकांड की जांच सीबीआइ ने की थी, जिसमें उमेश पाल मुख्य गवाह है। यही कारण है कि उसे कई बार जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है।
राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल भी कई बार आशंका जता चुकी हैं कि गवाही को प्रभावित करने के लिए उमेश पाल की हत्या हो सकती है। उमेश पाल ने भी जान का खतरा बताया था।
पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल और पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बीच अदावत करीब 17 साल पुरानी है। राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश गवाह बने तो अतीक ने उनका अपहरण 28 फरवरी 2008 करा लिया था। उमेश अतीक गिरोह के खिलाफ अब तक पांच एफआईआर करा चुके हैं। 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। शहर में विधायक की सनसनीखेज हत्या से हड़कंप मच गया था। उस समय राजू पाल के दोस्त और रिश्तेदार उमेश पाल पूरे मामले के गवाह बन गए थे।