लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुये कहा कि उपचुनाव में जनता ने भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखा दिया है।
मायावती ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि योगी सरकार ने पिछले एक साल के दौरान कोई काम नहीं किया। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल ’एक साल, बुरी मिसाल’ की तरह है। गोरखपुर तथा फूलपुर सीट पर हुए लोकसभा के उपचुनाव में जनता ने उन्हेंं सबक सिखा दिया है। योगी सरकार के शासनकाल का आकलन करते हुए जनता ने उसे ज़ीरो अंक दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की आमजनता से घोर वादाखिलाफी, लच्छेदार बातों में फुसलाने तथा धार्मिक उन्मादों में बहकाने की भूल करने का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी परम्परागत लोकसभा सीट गोरखपुर को भी गंवानी पड़ी है। इससे पहले शहरी निकाय के चुनाव में भी वे अपने मठ की सीट पर चुनाव हार गए थे।
मायावती ने कहा कि योगी की सरकार द्वारा एक वर्ष के भीतर सर्वसमाज के ग़रीबों, मजदूरों, बेरोजगारों तथा आमजनता के हित एवं कल्याण पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय कर्मकाण्ड और पूजा-पाठ में ही ज़्यादा समय लगाया। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की 22 करोड़ गरीब तथा पिछड़ी जनता के लिए सही नीयत एवं निष्ठा भाव से काम करना ही असली पूजा व सच्चा राजधर्म है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम है। बुनियादी विकास कार्य धन के अभाव के कारण, ठप पड़े है। भाजपा नेताओं के आपराधिक मुकदमें वापस लिए जा रहे है। इनकाउण्टर के नाम पर हत्या की जा रही है।
मायावती ने कहा कि भाजपा ने स्वच्छ प्रशासन देने, किसानों की कर्जमाफी, गन्ना किसानों का बकाया, रोजगार तथा तमाम वायदे जनता से किये थे । एक साल के दौरान सरकार बुरी तरह विफल साबित हुई है।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार का यह दावा गलत है कि प्रदेश में उसके शासनकाल में साम्प्रदायिक दंगे नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि दंगा कराने वाले ही सरकार में हैं। वे लोग सत्ता का दुरुपयोग करने में व्यस्त है। उन पर से दंगों के मुकदमें भी जबर्दस्ती वापस लिए जा रहे हैं। कम-से-कम योगी सरकार को कासगंज के दंगे को तो नहीं भूलना चाहिए।