लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज ऐलान किया कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव पार्टी अकेले लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि बसपा किसी दल से कोई गठबंधन या समझौता नहीं करेगी। बसपा के संस्थापक कांशीराम की 87वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पार्टी बहुत पहले से ही विधानसभा चुनाव को लेकर काम कर रही है। बसपा पंचायत चुनाव भी अकेले हर लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव को लेकर अपनी रणनीति का खुलासा नहीं करती है । बसपा प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर पूरे दम के साथ चुनाव लड़ेगी और अच्छे परिणाम देगी।
उन्होंने कहा कि बसपा से गठबंधन करने पर हमेशा दूसरे दलों को लाभ होता है इसलिए पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी। गठबंधन में बसपा के वोट तो दूसरे दलों को ट्रांसफर हो जाते हैं लेकिन उन दलों के वोट बसपा को नहीं मिलते जिससे नुकसान होता है। गठबंधन का फायदा अन्य दलों को मिल जाता है।
मायावती ने अपने समर्थकों से कहा कि विरोधी दलों के साम, दाम, दंड और भेद के हथकंडे से सावधान रहें और पार्टी को चुनाव में अच्छी सफलता दिलाकर बसपा मूवमेंट को सफल बनाएं। यही पार्टी संस्थापक कांशीराम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने केंद्र सरकार से कृषि से जुड़े तीनों कानून वापस लेने की मांग एक बार फिर दुहराई। उन्होंने कहा किसान आंदोलन में मृतक किसानों के परिजनों को उचित आर्थिक सहायता व एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
बसपा राज में चीनी मिलों के बिकने के सवाल पर मायावती ने कहा कि किस संस्था के साथ क्या किया जाना है, यह निर्णय सत्ता में रहने वाली सरकार करती है। चीनी मिलों को बेचने का फैसला कैबिनेट ने किया था। यह सरकार का सामूहिक फैसला था, यह किसी एक मंत्री की जिम्मेदारी नहीं। यह मंत्रालय भी दूसरे मंत्री के पास था।