जयपुर। राजस्थान में अलवर के थानागाजी में दलित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना से नाराज बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती द्वारा गहलोत सरकार से समर्थन वापस लेनेे के संकेत के बाद राज्य में राजनीति गर्मा गई लेकिन फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं है।
थानागाजी की घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बसपा को गहलोत सरकार से समर्थन लेने की चुनौती देने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस आशय के संकेत दिये है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि हमारे पास सौ विधायक होने के साथ राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग एवं अनेक निर्दलीय विधायकों के साथ होने से सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि साम्प्रदायिक ताकतों के साथ लड़ाई में बसपा भी साथ है तथा वह कांग्रेस से समर्थन वापस नहीं लेगी।
सामूहिक बलात्कार की घटना से बसपा फिलहाल कांग्रेस से नाराजगी दिखा रही है लेकिन थोड़ा समय बितने के बाद इसमें बदलाव भी आ सकता है। इसके अलावा पिछला इतिहास देखे तो बसपा के छह विधायक सुप्रीमों मायावती की परवाह किये बिना पिछली गहलोत सरकार को समर्थन दे चुके है तथा यह कहानी फिर दोहराई जा सकती है। इस बार बसपा के तीन विधायक है। केन्द्र में किस पार्टी की सरकार बनेगी, उस पर ही राज्य की भावी राजनीति निर्भर होगी।