सबगुरु न्यूज-सिरोही। कार्तिक हत्याकांड को लेकर बीटीपी के डूंगरपुर के चौरासी विधानसभा के एमएलए राजकुमार रौत के नेतृत्व में धरना रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। अब तक सिरोही में इतने आंदोलन हुए, लेकिन, जिला कलेक्टर परिसर को पुलिस ने इस तरह से पहली बार घेरा है। यही नहीं आंदोलनकारी भी पहली बार कलेक्टर परिसर के अंदर घुसकर धरना देने में सफल हो पाए हैं।
सिरोही जिला मुख्यालय के सारे एंट्री पॉइंट पर भी नाकाबंदी करके लोगों के समूह के रूप में एकत्रित होने से रोकने की व्यवस्था की गई है। कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए जिले में बाहर से लोगों के एकत्रीकरण रोकने के लिए जिला कलेक्टर के अनुरोध पर संभागीय आयुक्त ने शनिवार दोपहर से इंटरनेट बन्द कर दिया था। नेटबंदी अभी तक जारी है। रविवार को लोगों का एकत्रीकरण शनिवार से काफी कम था।
सिरोही जिले के जावाल क्षेत्र में गत महीने युवक द्वारा युवती को लेकर जाने का प्रसंग हुआ था। पुलिस में मामला दर्ज होने पर युवक युवती को दस्तियाब करके युवक को पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर लिया था। ये मामला पुलिस द्वारा निपटा लिए। लेकिन, 19 नवम्बर को युवक का भाई पिंटू राणा और उसके भाई का मित्र कार्तिक राणा कहीं जा रहे थे। रास्ते में युवती के सम्बन्धियों ने उनके साथ मारपीट की। जिनसे दोनों को चोटें आई।
इन्हें उच्च उपचार के लिए मेहसाणा भेज गया। जहां पर उपचार के दौरान 1 दिसम्बर की मध्यरात्रि को कार्तिक की मौत हो गई। इसके बाद मामला फिर से तूल पकड़ा। मृतक के समाज वाले लोग एकत्रित होने लगे। भारतीय ट्राइबल्स पार्टी (बीटीपी) के डूंगरपुर के विधायक राजकुमार रोत और भीम आर्मी के इसमें शामिल होने से ये मामला तूल पकड़ने लगा।
कार्तिक की मृत्यु में बाद राजकुमार रोत शुक्रवार दोपहर को सिरोही पहुंचे। उनके साथ भीम आर्मी का सहयोग मिल गया। फिर पुलिस की लापरवाही और अनदेखी को लेकर उन्हें घेर लिया। उसी दिन कलेक्ट्रेट पर धरना शुरू कर दिया। शनिवार दोपहर तक डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जालोर, पाली और सिरोही से भील समाज के लोग एकत्रित होने लगे। कलेक्ट्रेट ओर धरना शुरू कर दिया।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर घुसे डूंगरपुर जिले के विधायक के साथ आये लोगों में पहली बार कलेक्टर के कार्यकाल के ठीक सामने धरना दे दिया। वही बिस्तर आदि डालकर रात्रि में भी धरना जारी रखा। रविवार को भी कलेक्टर के कार्यालय के ठीक सामने धरना जारी रहा। पहली बार सिरोही कलेक्टर परिसर के अंदर घुसकर कलेक्टर के कार्यालय के बाहर ही धरना दिया गया है।
इससे पहले हमेशा परिसर के बाहर धरने के लिए निर्धारित स्थान पर ही धरना दिया जाता रहा है। इन लोगों को परिसर में घुसने से रोकने के लिए सिरोही कलेक्टर परिसर में ट्रिपल लेयर नाकाबंदी करके भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है। यहां दो जगह धरना चल रहा है एक कलेक्टर चेम्बर के ठीक बाहर और दूसरा कलेक्टर परिसर के बाहर नियमित धरना स्थल पर कलेक्टर परिसर में घुसने के लिए दोनों तरफ के गेट बंद कर दिए गए हैं। इन गेटों के अंदर स्थित द्वारा भी बन्द हैं।
कलेक्टर चेम्बर के बाहर धरना दे रहे विधायक रामलाल रोत ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन उन्हें व उनके साथ आई महिलाओं के चाय पानी और खाने की चीजें अंदर नहीं आने दे रहा है। न ही उन्हें शौच निवृत के लिए कलेक्टर परिसर में स्थित शौचालयों के उपयोग की अनुमति दे रहा है। उनका आरोप है कि प्रशासन उन लोगों को फिर से अंदर भी नहीं आने दे रहा है जो बाहर निकल जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन उनके मानवाधिकारों का हनन कर रहा है।
इन लोगों की मांग है कि एफआईआर में नामजद सभी आठ आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार करे, इस प्रकरण में कथित लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों ओर कार्रवाई करके उचित जांच करवाए, लंबे समय से प्रशासन द्वारा शिवगंज के निकट रोका गया मृतक के परिवार का पट्टा जारी करे, मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देवे, मृतक के पोस्टमार्टम सिरोही में मेडिकल बोर्ड द्वारा करवाये।
इधर जिला कलेक्टर भंवरलाल ने बताया कि ये प्रकरण जावाल के युवक-युवती के प्रकरण के बाद हुआ ल। मारपीट की घटना में शामिल दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। जिस पट्टे को मांग ये लोग कर रहे हैं पात्रता नहीं होने के कारण पहले ही निरस्त किया जा चुका है लेकिन, इनकी मांग के आधार पर उसकी फ़ी से जांच करवाएंगे। पोस्टमार्टम होने के बाद अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत करीब चार लाख रुपये कंजो मुआवजा है वो जारी करवा देंगे। मृतक की पत्नी की पेंशन और बच्चों के पालनहार योजना के लाभ भी दिलवा दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नियमानुसार पोस्टमार्टम वहीं होता है जहाँ पीड़ित का उपचार और मृत्यु होती है, इसके लिए मेडिकल बोर्ड गठित कर दिया गया है, परिजन साथ जाएं तो पोस्टमार्टम हो जाएगा।
वहीं पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि इस प्रकरण में 8लोगों को नामजद किया गया था। एविडेन्स के आधार पर 2 युवकों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा लापरवाही करने के आरोप पर पुलिस अधीक्षक ने कहा मारपीट के बाद पुलिस युवकों से बार बार पूछताछ के लिए लगी रही लेकिन, चिकित्सकों के द्वारा उनके बयान देने की हालत नहीं होने का कहने पर बयान दर्ज नहीं कर पाई। इनके कहे अनुसार जांच अधिकारी बताने पर फिर से प्रकरण की जांच करवाने को भी हम तैयार हैं।